यूपी सरकार 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को दे रही बढ़ावा, बिजनेस क्षेत्र में नए मानक तय किए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह सुधारमूलक दृष्टि प्रदेश को देश के सबसे निवेशक अनुकूल राज्यों में बदलने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह सुधारमूलक दृष्टि प्रदेश को देश के सबसे निवेशक अनुकूल राज्यों में बदलने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है

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Mohit Saxena
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उत्तर प्रदेश को विकसित उत्तर प्रदेश के विजन को साकार करने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में नए मानक तय किए हैं. प्रशासनिक प्रणाली को ज्यादा दक्ष, तकनीक आधारित और पारदर्शी बनाने के लक्ष्य से सरकार प्रशासनिक प्रणाली को अधिक दक्ष, तकनीक आधारित व पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने   व्यापक सुधारों को लागू किया है. 

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इसका सीधा लाभ निवेशकों व उद्यमियों को मिल रहा है. राज्य सरकार की ओर से लागू 4,675 प्रशासनिक सुधार, 2,500 व्यवसाय केंद्रित बदलाव तथा निवेश मित्र के जरिए सेवाओं का डिजिटलीकरण उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को अधिक सरल और बाधारहित बनाने में सहायक है. 

दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे

इसके साथ ही इंटेंट फाइलिंग, लेटर ऑफ अप्रूवल और अन्य अधिकतर नियामक प्रक्रियाएं अब डिजिटल माध्यम से उपलब्ध हो गई हैं. इससे निवेशकों को किसी भी भौतिक परेशानी या दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह सुधारमूलक दृष्टि प्रदेश को देश के सबसे निवेशक अनुकूल राज्यों में बदलने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.  डिजिटल नवाचार, पारदर्शी निर्धारण प्रक्रिया तथा प्रदर्शन आधारित प्रशासनिक संस्कृति ने प्रदेश को उद्योगों के लिए नई ऊर्जा व मजबूत आधार प्रदान किया. 

4,675 सुधारों के जरिए मंजूरी

निवेशकों को अनावश्यक सरकारी बाधाओं का सामना करना पड़े, इस उद्देश्य से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में व्यापक स्तर पर सुधार किया. कुल 4,675 सुधारों के जरिए मंजूरी, पंजीकरण और अनुपालन से जुड़ी जटिलताओं  में प्रभावी कमी आई है. 2,500 व्यवसाय केंद्रीत सुधारों ने उद्योग स्थापना को सहज और समय तथा लागत की दृष्टि से ज्यादा व्यवहारिक बनाया है. 

आवेदन प्रोसेसिंग की संख्या बढ़कर 3,059 हो गई

योगी सरकार की कार्यप्रणाली में जवाबदेही व प्रदर्शन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में की पॉइंट इंडिकेटर्स (केपीआई) आधारित पदोन्नति और मूल्यांकन प्रणाली लागू की गई है. इससे अधिकारियों की जिम्मेदारी और कार्यक्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 में जहां 625 आवेदन प्रोसेस हुए थे, वहीं 2025-26 में आवेदन प्रोसेसिंग की संख्या बढ़कर 3,059 हो गई है. 

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