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बाहर की झलक देखने को तरसेंगे दुर्दांत अपराधी, योगी सरकार उठाएगी ये कदम

उत्तर प्रदेश में अब दुर्दांत अपराधियों के लिए खुली हवा में सांस लेना भी मुहाल हो जाएगा. यूपी सरकार ने ऐसा प्लान बनाया है कि अपराधी कभी बाहर की दुनिया देख ही नहीं पाएंगे, रिहाई से पहले. खासकर उस समय तो बिल्कुल नहीं, जो अभी...

Updated on: 14 Nov 2022, 04:38 PM

highlights

  • योगी सरकार का बड़ा प्लान
  • जेल-अदालतों में बनेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम
  • यूपी में 72 जेल, 73 अदालतें

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में अब दुर्दांत अपराधियों के लिए खुली हवा में सांस लेना भी मुहाल हो जाएगा. यूपी सरकार (UP Government) ने ऐसा प्लान बनाया है कि अपराधी कभी बाहर की दुनिया देख ही नहीं पाएंगे, रिहाई से पहले. खासकर उस समय तो बिल्कुल नहीं, जो अभी वो ट्रायल के दौरान कोर्ट आते-जाते देख लेते हैं. जी हां, इशारा सही समझे, अब अपराधियों की पेशी जेल से ही हो जाएगी. उन्हें जेल से बाहर लाने तक का झंझट खत्म कर रही है योगी सरकार. इसके लिए बड़े अपराधियों से भली जेलों के बाहर की सुरक्षा में होने वाली माथापच्ची कम हो जाएगी. क्योंकि दुर्दांत अपराधियों को सुरक्षित कोर्ट तक पहुंचाने में ही काफी समय और श्रम बर्बाद होता रहा है.

सीएम योगी ने दिए तकनीकी के इस्तेमाल के निर्देश

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कुख्यात अपराधियों पर सख्ती के लिए तकनीकी के इस्तेमाल पर जोर दिया है. इसके लिए राज्य सरकार यूपी की 72 जेलों और 73 अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की व्यवस्था करने चल रही है. इसके लिए सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि 5जी तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए. ताकि पेशी और ट्रायल के दौरान कनेक्टिविटी में कोई प्रॉब्लम न हो. इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाए, जिससे सिस्टम को समय-समय पर अपग्रेड किया जा सके.

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जेल प्रशासन ने शासन को लिखा था पत्र

इस बारे में डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया यूपी की सभी जेलों और अदालतों में एक-एक अतिरिक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की डिमांड की गई थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया है. और उन्होंने जेलों और अदालतों में अतिरिक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम के निर्माण के लिए निर्देश भी दे दिये हैं. ऐसे व्यवस्था हो जाने के बाद अपराधियों की फरारी जैसे मामले शून्य हो जाएंगे.