UP Government: यूपी सरकार का प्रॉपर्टी रजिस्ट्री में किया अहम बदलाव, खरीदारों को मिलेगी सुविधा

UP Government: उत्तर प्रदेश में जमीन-जायदाद से जुड़ी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और सालों तक चलने वाले कोर्ट केस अब इतिहास बन सकते हैं. योगी सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह नए स्वरूप में बदलने का निर्णय लिया है.

UP Government: उत्तर प्रदेश में जमीन-जायदाद से जुड़ी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और सालों तक चलने वाले कोर्ट केस अब इतिहास बन सकते हैं. योगी सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह नए स्वरूप में बदलने का निर्णय लिया है.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
UP Government Property Law

UP Government: उत्तर प्रदेश में जमीन-जायदाद से जुड़ी धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और सालों तक चलने वाले कोर्ट केस अब इतिहास बन सकते हैं. योगी सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह नए स्वरूप में बदलने का निर्णय लिया है. अब राज्य में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट-बेस्ड नहीं, बल्कि टाइटल-बेस्ड सिस्टम पर होगी. यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि खरीदारों की सुरक्षा को एक नई मजबूती भी देगा.

Advertisment

क्यों जरूरी था यह बड़ा बदलाव?

अब तक यूपी में रजिस्ट्री पूरी तरह विक्रेता और खरीदार द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ों पर निर्भर रहती थी. इस प्रक्रिया की कमजोरी का फायदा उठाकर कई लोगों ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए, दूसरों की संपत्ति बेच डाली, या एक ही जमीन पर कई बार सौदा कर दिया. परिणामस्वरूप हज़ारों पीड़ित लोग न्यायालयों के चक्कर लगाते रह गए. इसी समस्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता दिखाई और टेक्नोलॉजी-आधारित समाधान लागू करने के निर्देश दिए। इसके बाद एक अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय टाइटल-वेरिफिकेशन मॉडल की नींव रखी गई.

टाइटल-बेस्ड रजिस्ट्री कैसे काम करेगी?

नई व्यवस्था में रजिस्ट्री से पहले सरकार यह सत्यापित करेगी कि प्रॉपर्टी बेचने वाला व्यक्ति वास्तव में उस संपत्ति का वैध मालिक है या नहीं. इसके लिए राजस्व विभाग, नगर निकायों तथा रजिस्ट्री विभाग के डिजिटल रिकॉर्ड आपस में लिंक किए जाएंगे. सब-रजिस्ट्रार सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर जांच सकेगा कि जिस संपत्ति का सौदा हो रहा है, उसका मालिकाना हक किसके नाम दर्ज है.

केवल उन्हीं प्रॉपर्टी डील्स को रजिस्टर किया जाएगा जिनमें टाइटल साफ, विवाद-रहित और मालिकाना हक स्पष्ट हो. यह वही मॉडल है, जो दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले से सफलतापूर्वक चल रहा है और धोखाधड़ी रोकने में कारगर साबित हुआ है.

खरीदारों के लिए क्या होंगे लाभ?

इस नई प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा आम खरीदारों को मिलेगा. अब फर्जी रजिस्ट्री, डुप्लीकेट बिक्री और पुराने विवादों के छिपाए जाने जैसी समस्याओं की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी. सरकार की ओर से पहले से की गई टाइटल जांच के कारण खरीदारों का ड्यू डिलिजेंस भी सहज हो जाएगा. साथ ही भूमि विवादों और कोर्ट केस में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है. हालांकि विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि खरीदारों को रजिस्ट्री योग्य न होने वाले दस्तावेजों-जैसे कब्जा प्रमाण, बाउंड्री विवाद या बकाया टैक्स की अलग से स्वयं जांच अवश्य करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई कानूनी समस्या न हो.

टाइटल-बेस्ड रजिस्ट्री मॉडल यूपी के रियल एस्टेट सेक्टर में एक ऐतिहासिक सुधार है. यह व्यवस्था संपत्ति लेनदेन को सुरक्षित, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी. सरकार की यह पहल न केवल खरीदारों का भरोसा बढ़ाएगी, बल्कि भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को भी काफी हद तक समाप्त कर देगी.

Uttar Pradesh Up government UP Government Scheme
Advertisment