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यूपी सरकार ने इन कर्मचारियों के लिए किया बड़ा एलान, मिलेगा 30 लाख रुपये का लाभ

सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए मैनुअल मैला ढोने और पुनर्वास अधिनियम साल 2013 में बनाया था.

Updated on: 18 Jan 2024, 07:33 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शहरों में सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, यूपी सरकार ने सीवर और सैप्टिक टैंक में काम करने के दौरान किसी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिजनों को 30 लाख रुपये देगी. जबकि अगर कोई कर्मचारी पूरी तरह से अपाहिज हो जाता है तो उसे 20 लाख रुपये दिए जाएंगे. वहीं आंशिक रूप से अपंग कर्मचारी को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने शासनादेश जारी कर निकायों को निर्देश भेज दिया है.

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2013 में बनाया गया था नया अधिनियम

बता दें कि सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए मैनुअल मैला ढोने और पुनर्वास अधिनियम साल 2013 में बनाया था. जिसमें उन्हें सुरक्षा उपकरण देने और मृत्यु या अपंग होने की स्थिति में 10 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया था. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर 2023 को नया आदेश दिया है. इसके आधार पर नगर विकास विभाग ने संशोधित शासनादेश जारी कर दिया है.

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क्या है कर्मचारियों की सुरक्षा की व्यवस्था

बता दें कि नगरीय निकायों में सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई करने वाले संविदा, नियमित, वर्क चार्ज, दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की नियुक्ति प्राधिकारी नगर निगम में नगर आयुक्त, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी के हाथ में होती है. इसके अलावा सेवा प्रदाता के माध्यम से भी सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई के लिए कर्मचारियों को रखने की व्यवस्था है. इसके लिए नियोजकों द्वारा इनकी सुरक्षा के लिए बीमा पालिसी करना अनिवार्य है. जिसका प्रीमियम नियोजकों को देना होता है. जिससे सफाई के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिवार की आर्थिक मदद की जा सके.

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