बुरी खबर: यूपी के इस विभाग ने कर दी बड़ी छंटनी की तैयारी, 27 हजार लोग एक झटके में हो जाएंगे बेरोजगार!

UP Electricity Privatization Dispute: यूपी में एक बार फिर से बिजली के निजीकरण का मामला गर्माया हुआ है. अगर सरकार इसे लागू करती है तो 27 हजार लोगों की नौकरी जा सकती है.

UP Electricity Privatization Dispute: यूपी में एक बार फिर से बिजली के निजीकरण का मामला गर्माया हुआ है. अगर सरकार इसे लागू करती है तो 27 हजार लोगों की नौकरी जा सकती है.

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Vineeta Kumari
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यूपी के इस विभाग ने कर दी बड़ी छंटनी की तैयारी

UP Electricity Privatization Dispute: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बिजली के निजीकरण का मामला गर्माया हुआ है. बता दें कि प्रदेश में बिजली कंपनियां 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये घाटे में चल रही है. इस घाटे को देखते हुए राज्य सरकार बिजली वितरण को निजी कंपनियों को सौंप सकती है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब सरकार इस ओर काम कर रही है. 

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बिजली विभाग की बड़ी तैयारी

इससे पहले भी प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल क्षेत्रों में बिजली वितरण निगम को PPP मॉडल का रूप देने की कोशिश कर चुकी है. PPP का मतबल है पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप. जिसका प्रदेश में विरोध शुरू हो चुका है. इसे देखते हुए काशी में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी गई है.

27 हजार लोगों की जा सकती है नौकरी

अगर सरकार प्रदेश में बिजली वितरण की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपती है तो इससे 27000 कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. इस पर बात करते हुए यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से भी मुलाकात की और अपनी बात रखी. साथ ही यह भी कहा कि अगर दो डिसकॉम को पांच हिस्सों में बांटा जाएगा तो उपभोक्ताओं को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. सबसे ज्यादा नुकसान दलितों और पिछड़े वर्ग को होगा. इसलिए सीएम योगी आदित्यनाथ को भी इन समस्याओं से अवगत कराना चाहिए. 

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बिजली विभाग का हो सकता है निजीकरण

आगे अवधेश वर्मा ने कहा कि अगर सरकार को 1 लाख 15 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा तो वह बिल वसूल कर इस नुकसान को भर सकते हैं. इसके लिए बिजली वितरण विभाग को प्राइवटे कंपनियों को नहीं सौंपना चाहिए. अगर सरकार निजी कंपनियों को इसकी 51 फीसदी हिस्सेदारी देती है तो सभी फैसले प्राइवेट कंपनियों के हिसाब से ही लिए जाएंगे क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि जिसका भी 51 फीसदी शेयर होगा, कंपनी उसके हिसाब से ही चलती है.

PPP मॉडल अपनाने की तैयारी

दूसरी तरफ राज्य सरकार घाटे का हवाला देते हुए PPP मॉडल अपनाने की बात कह रही है. पावर कॉरपोरेशन का कहना है कि उन्हें भारी नुकसान होने की वजह से बार-बार सरकार से मदद मांगनी पड़ रही है और यह नुकसान दर बढ़ता ही जा रहा है.

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