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Vikash dubey(File Photo)( Photo Credit : News Nation)
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में पुलिस और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के गैंग के साथ हुई मुठभेड़ ने प्रदेश में सनसनी फैला दी है. इस मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक जय नारायन सिंह ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इस फायरिंग में चार और पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस फायरिंग के बाद एसएसपी, तीन एसपी और एक दर्जन से अधिक थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया.
कौन है विकास दुबेकुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. इसके अलावा, वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था.
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इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है. वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है.
जेल में बैठकर रची थी अपने भाई को मारने की साजिश
वर्ष 2018 में विकास दुबे नें अपने चचेरे भाई अनुराग पर माती जेल में बैठ कर जानलेवा हमला करवाया था. इसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के चारों राजनीतिक दलों में पकड़ है. 2002 के जब मायावती सूबेकी मुख्यमंत्री थीं तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रिनयां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था. इस दौरान इसने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ और भी गैर कानूनी तरीके से संपत्ति बनाई. विकास दुबे जेल में रहने के दौरान शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत गया. बसपा सरकार के एक कद्दावर नेता से इसकी करीबी जगजाहिर थी. इस दौरान विकास ने अपना खुद का एक बड़ा गैंग भी खड़ा कर लिया था.
Source : News Nation Bureau