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24 घंटे में पुलिस ने सुलझाया कमलेश तिवारी हत्याकांड, रशीद पठान था मास्टरमाइंड

राजधानी लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों को पता लगा लिया है.

Updated on: 19 Oct 2019, 12:04 PM

लखनऊ:

राजधानी लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों को पता लगा लिया है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि इस हत्याकांड के तार गुजरात से जुड़े हैं. मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 2 लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि 23 साल का रशीद अहमद पठान इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है. उन्होंने बताया कि कल हमें सुराग मिले थे, हमने इस पर काम किया. 24 घंटे में हम इसे खोलना चाहते थे. इस घटना को सुलझाने में लखनऊ पुलिस ने अच्छा काम किया है. 

डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 'उत्तर प्रदेश और गुजरात पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 3 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. इनके नाम मौलाना मोहसिन शेख, फैजान, और खुर्शीद अहमद पठान हैं. दो अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया. डीजीपी ने बताया कि हिरासत में लिया गया मौलाना मोहसिन सेख साड़ी की दुकान में काम करने वाला है. विवेचना में पता चला है कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति हत्या की साज़िश में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मास्टरमाइंड रशीद पठान कंप्यूटर का ज्ञानी है और फिलहाल दर्जी का काम करता है.

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में हिरासत में लिए गए तीन लोगों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि अभी तक स्थापित नहीं हुई है. जरूरत पड़ी तो हम उन्हें रिमांड में लेंगे, उन्हें उत्तर प्रदेश लाएंगे और उनसे पूछताछ करेंगे. डीजीपी ने बताया कि प्राथमिकी में दो लोगों को साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया था- मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काज़मी. इन 2 को भी हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हम गुजरात, बिजनौर, लखनऊ और अन्य स्थानों की निगरानी करेंगे जो जांच के दौरान सामने आएंगे.

उन्होंने कहा कि कई छोटी-छोटी टीमों का गठन किया. जिनको यूपी और बाहर जांच के लिए भेजा. गुजरात से तार जुड़े होने की बात हमें पता थी. उन्होंने बताया कि मौके पर मिठाई का डिब्बा और साक्ष्य पाए, इसके बाद गुजरात डीजीपी से हमने बात की. स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी की. उन्होंने कहा कि हम गुजरात आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, अब तक किसी भी आतंकवादी संगठन के साथ कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है. हम सभी विवरणों पर गौर करेंगे और कार्रवाई करेंगे.