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यूपी डीजीपी ने अफगानिस्तान में मारे गए आतंकी आसिम उमर पर किया बड़ा खुलासा, कही ये बड़ी बात

ओपी सिंह का कहना है कि आसिम उमर की पहचान सनाउल्ला के तौर पर हो सकती है.

Updated on: 11 Oct 2019, 03:44 PM

highlights

  • अफगानिस्तान में मारे गए आतंकी पर यूपी डीजीपी ने किया बड़ा खुलासा. 
  • डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने आज टेरर फंडिंग को लेकर लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस की है.
  • डीजीपी ने ये भी बताया कि टेरर फडिंंग मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. 

नई दिल्ली:

यूपी डीजीपी (DGP UP) ओम प्रकाश सिंह (Om Prakash Singh) ने आज टेरर फंडिंग (terror funding) को लेकर लखनऊ (Lucknow) में प्रेस कांफ्रेस (Press Conference) की है. इस प्रेस कांफ्रेंस में ओपी सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया है. यूपी डीजीपी ओपी सिंह की माने तो कुछ दिनों पहले अफगानिस्तान में मारा गए आतंकवादी आसिम उमर के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े हो सकते हैं.

ओपी सिंह का कहना है कि आसिम उमर की पहचान सनाउल्ला के तौर पर हो सकती है और वो यूपी के संभल का रहने वाला था. बता दें कि सनाउल्ला 1988 से ही गायब था जिसके बाद उसे कभी नहीं देखा गया. सनाउल्ला के बाद संभल के पांच और युवक गायब हुए थे. हालांकि ओपी सिंह ने कहा कि वो इस बात की पुष्टि करने में लगे हुए हैं.

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विदेशों से अवैध धन मंगाकर आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने वाले चार युवक गिरफ्तार किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने इसकी जानकारी दी. देर रात लखीमपुर से एटीएस ने गिरफ्तारी की है. आरोपियों के पास से भारतीय और नेपाली मुद्रा मिली है. पिछले साल एटीएस ने मध्यप्रदेश के एक टेरर फंडिंग नेटवर्क का खुलासा किया था. बाद में उसी की जानकारी के तहत इस बार भी ATS को कामयाबी मिली है.

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ऐसे होती है टेरर फंडिंग
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि नेपाल के जनकपुर में एक बैंक के सिस्टम को हैक किया गया था. टेरर फंडिंग करने वाला गैंग पहले नेपाल के खाते में पैसा भेजता है. स्टार्टअप करने के लिए यह पैसा आता है. लेकिन वहां से इस रकम को गैंग टेरर फंडिंग में इस्तेमाल करता है. डीजीपी ने बताया कि इस गैंग के एक सदस्य मुमताज को यूपी और नेपाल पुलिस तलाश रही है. आरोपियों के मोबाईल डेटा को रिट्रीव किया जा रहा है.