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राम मंदिर पर फैसले से पहले यूपी पुलिस सख्त, कानून तोड़ने वालों पर लगेगा NSA

इससे पहले पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की.

Updated on: 04 Nov 2019, 10:05 AM

लखनऊ:

अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला जल्द ही आने वाला है. इसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन काफी संजीदा दिख रहा है. कोर्ट के फैसले के बाद कानून एवं शांति-व्यवस्था के लिए किसी भी तरह की चुनौती न खड़ी हो, इसके लिए पहले से तैयारी की जा रही है. आगामी फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओमप्रकाश सिंह ने कहा है कि कानून और व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास करने वाले तत्वों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू किया जाएगा.

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अयोध्या में राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय के संभावित फैसले पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, ' हम बिल्कुल तैयार हैं और किसी भी परिस्थिति में किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हमारी इंटेलिजेंस मशीनरी तैयार है. जरूरत पड़ने पर कानून और व्यवस्था को बाधित करने का प्रयास करने वाले तत्वों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा.'

इससे पहले पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही वर्तमान परिवेश में भावी चुनौतियों के दृष्टिगत कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए ओपी सिंह  द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जोनल एडीजी, आई रेंज, डीआईजी, एसएसपी और एसपीएस को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. उन्होंने अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से पिछले 5 वर्षों में विवादित बयान या वीडियो पोस्ट करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए.

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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से 17 नवंबर से पहले इस मामले में निर्णय देने की संभावना है. ऐसे में राज्य सरकार के साथ-साथ हिंदू संगठन, मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कोई भी विवादित बयान देने से बचने के लिए कहा. आदित्यनाथ ने कथित तौर पर कहा कि किसी भी मंत्री को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, भले ही फैसला किसी के पक्ष में आए. यह निर्देश एक बड़े कार्यक्रम के अनुरूप था जिसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुरू किया.

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