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प्रियंकाजी... योगी पर निशाना बाद में साधें, पहले घर की कलह तो देख लें

किसी भी अन्य पार्टी में, इस तरह की स्थिति में खतरे की घंटी बज जाती, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने यहां हो रहे घटनाक्रम पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है.

Updated on: 23 Nov 2020, 07:06 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश कांग्रेस में असंतोष अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ गया है और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस पर अपने इस्तीफे की घोषणा कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में विभिन्न जिलों के पार्टी कार्यकर्ताओं ने फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर पार्टी छोड़ने के बारे में पोस्ट डाला है. कांग्रेस से निष्कासित पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा, 'किसी भी अन्य पार्टी में, इस तरह की स्थिति में खतरे की घंटी बज जाती, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने यहां हो रहे घटनाक्रम पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है. नेताओं का पार्टी छोड़ कर जाना एक आम बात है, लेकिन जब कार्यकर्ता पार्टी छोड़ना शुरू कर दें, तो यह आत्मनिरीक्षण का समय है.'

पार्टी के एक अन्य निष्कासित नेता कोणार्क दीक्षित ने कहा, 'पार्टी के कार्यकर्ता इस बात से व्यथित हैं कि यहां चुनाव में महज 14 महीने का समय बचा है और हाई कमांड यहां के मामलों को नजरअंदाज कर रहा है. कुछ व्यक्ति आपदा के समय पार्टी कर रहे हैं और दिल्ली में बैठे नेता इधर नहीं देख रहे हैं.' पार्टी में विद्रोह की स्थिति से चिंतित कई कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा है, लेकिन उन्हें न तो कोई प्रतिक्रिया मिली है और न ही कोई नई नियुक्ति की गई है.

वहीं पार्टी से निष्कासित पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेहंदी ने कहा, 'हम पिछले साल नवंबर से कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें इजाजत नहीं दी गई है. नवंबर 2019 में पार्टी के दस वरिष्ठ नेताओं का निष्कासन कांग्रेस के संविधान के खिलाफ था, लेकिन कोई भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है.' संपर्क करने पर, यूपीसीसी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कॉल का जवाब नहीं दिया और पार्टी का कोई भी प्रवक्ता इस स्थिति पर टिप्पणी करने को तैयार नहीं है. इनमें से एक ने कहा, 'जो हो रहा है, उसपर हम कुछ नहीं बता सकते. केवल वरिष्ठ नेता ही मामले में टिप्पणी कर सकते हैं.'