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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब कार से किसी भी शहर का दौरा कर जान सकते हैं हकीकत

आईपैड से न केवल सरकारी योजनाओं का फीडबैक लेने और फाइलों के मूवमेंट की जांच करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब नए तेवर में नजर आएंगे.

Updated on: 14 Dec 2020, 05:14 PM

लखनऊ:

आईपैड से न केवल सरकारी योजनाओं का फीडबैक लेने और फाइलों के मूवमेंट की जांच करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब नए तेवर में नजर आएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब जनता का मिजाज और शहर की साफ सफाई तथा अन्य सरकारी व्यवस्थाओं का हाल जानने के लिए अचानक ही किसी भी शहर में कार से पहुंच सकते हैं. बीते शनिवार को  मुख्यमंत्री ने अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना मुरादाबाद से गाजियाबाद तक कार से जाकर यह संकेत भी दे दिया है. बता दें कि मुरादाबाद से गाजियाबाद जाते हुए मुख्यमंत्री को कई जगहों पर गंदगी दिखी. जिसके चलते सोमवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ में साफ-सफाई का कार्य देखने वाले उच्चाधिकारियों को तलब कर सूबे के कई शहरों की साफ- सफाई की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने का निर्देश दिया. अब यह चर्चा है कि सूबे की चिकित्सा, शिक्षा और साफ-सफाई की हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री राज्य के किसी भी जिले में अचानक की कार से पहुंच सकते हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गत शनिवार को मुरादाबाद गए थे. वहां से उन्हें गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का लोकार्पण करने जाना था. कैलाश मानसरोवर भवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. मुरादाबाद में कई कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद जब मुख्यमंत्री गाजियाबाद के लिए चले तो हैलीकाप्टर के पायलट ने कहा कि मौसम खराब होने के कारण हैलीकाप्टर नहीं उड़ सकता. इस पर सुरक्षाधिकारियों ने कैलाश मानसरोवर भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को स्थगित करने की सलाह दी. इस सुझाव को मुख्यमंत्री ने ठुकरा दिया और कहा कि मैं गाजियाबाद जाऊंगा व लोकार्पण करुंगा.

इसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से वे गाजियाबाद पहुंचे. कार से गाजियाबाद जाते हुए मुख्यमंत्री को मेरठ शहर की सड़क किनारे साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं दिखी. कई जगहों पर उन्हें सड़क किनारे कूड़े के ठेर दिखाई दिए. दूसरी तरफ मुरादाबाद से गाजियाबाद जाते हुए सड़क के किनारे खड़े लोगों ने मुख्यमंत्री के शहर आगमन पर हाथ हिलाकर उनका स्वागत भी किया. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनता के उत्साही मिजाज को देखकर अन्य शहरों में भी मुख्यमंत्री कार से जाएंगे, ऐसी चर्चा होने लगी है. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के ऐसे दौरों से अधिकारी लापरवाही बरतने की हिम्मत नहीं होगी और शहरों की साफ-सफाई से लेकर चिकित्सा व्यवस्था में सुधार होगा.

भव्य कैलाश मानसरोवर भवन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस भवन केनिर्माण से मुख्यमंत्री का भावनात्मक लगाव है. इसका निर्माण कार्य 6 जून 2018 में शुरू किया गया था. इसका रकबा करीब 9000 वर्ग मीटर है. निर्माण में लगभग 132 करोड़ रु की लागत आई है. गत शनिवार को कैलाश मानसरोवर भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. बेसमेंट सहित 6 तल में बने मानसरोवर भवन में 280 लोगो के रुकने की व्यवस्था है. इसके अतिरिक्त प्रथम तल से चतुर्थ तल तक यात्रियों के रुकने के लिए लगभग 94 कमरे बनाए गए है, जिनमे एक बार में लगभग 280 यात्री ठहर सकते हैं. भवन में कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. अन्य महीनों में उत्तराखंड के चार धाम यात्रा और कश्मीर में बाबा अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु भी इस भवन में रुक सकेंगे.