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उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधानसभा चुनावों के तारीख के नजदीक आने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने 403 उम्मीदवारों की लिस्ट सौंपी है।
बता दें कि हाल में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच तनातनी के बाद मुलायम सिंह यादव की ओर से यह साफ किया गया था उम्मीदवारों के नाम तय करना शिवपाल का काम है। खास बात यह भी है कि सपा पहले ही 175 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी हैं। इसे शिवपाल यादव ने ही जारी किया था। ऐसे में अखिलेश की लिस्ट एक बार फिर टकराव की वजह बन सकती है।
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सूत्रों की माने तो, अखिलेश ने रविवार को मुलायम सिंह से मिलकर उनको ये लिस्ट सौंपी। इस लिस्ट को सौंपते हुए अखिलेश ने तर्क दिया कि चुनाव अगर उनके नाम व काम पर लड़ा जाएगा, तो उम्मीदवारों के नाम को तय करना भी उनके अधिकार में होना चाहिए।
इस बात की खबर आते ही शिवपाल यादव ने ट्विटर पर इसका विरोध जताते हुए अनुशासनहीनता ना बर्दाश्त किए जाने की चेतावनी दी।
पार्टी में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाए।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 25, 2016
टिकट का बंटवारा जीत के आधार पर होगा, अब तक 175 लोगो को टिकट दिया जा चूका है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 25, 2016
राजनीति के जानकारों का मानना है कि चाचा-भतीजा के बीच दोबारा से इस तरह के टकराव का असर विधानसभा के चुनावों के नतीजों पर भी पड़ सकता है।
क्या है विवाद
इस विवाद की शुरूआत अज फिर से तब हुई जब अखिलेश की पंसद को दरकिनार कर गायत्री प्रजापति को सपा का राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया। अखिलेश पहले ही अमर सिंह को राष्ट्रीय सचिव बनाए जाने पर अपना विरोध जता चुके है। उसके बाद भी प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव को तोहफा दिया जाना अखिलेश को रास नहीं आया और शाम होते होते पार्टी में नए विवाद की शुरूआत हो गई।
Source : News Nation Bureau