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यूपी बोर्ड टॉपर तनु तोमर के लिए योगी सरकार करेगी ये बड़ा काम

इण्टरमीडिएट परीक्षा में तनु तोमर (बागपत) प्रथम, भाग्यश्री उपाध्याय (गोण्डा) द्वितीय, आकांक्षा शुक्ला (प्रयागराज) तृतीय, युवराज (बागपत) चौथे, दीक्षा (फतेहपुर) चौथे स्‍थान पर रही.

Updated on: 09 May 2019, 09:05 PM

बागपत:

योगी सरकार ने 2018 में ऐलान किया था कि बोर्ड परीक्षाओं में मेधावी छात्रों को एक लाख का चेक और उनके गांव, गली या कस्बे की एक सड़क को उनके नाम पर बनवाया जाएगा. इसी के तहत यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाली बागपत की तनु तोमर के नाम से सड़क बनेगी. इसकी जानकारी पालिका चेयरमैन अमित राणा ने दी. जिले मेधावी छात्रों के सम्मान में आयोजित एक समारोह में 12वीं की टॉपर तनु तोमर को एक लाख का चेक दिया जा चुका है.

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अमित राणा ने बताया कि तनु को भविष्य में आगे की पढ़ाई और कोचिंग के लिए भी मदद की जाएगी. उन्होंने कहा अमीनगर सराय से श्रीराम शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज तक जाने वाली सड़क को बनवाकर उसका नाम तनु तोमर के नाम पर रखा जाएगा. इससे जिले के अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी.

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बता दें इस बार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में गौतम रघुवंशी (कानपुर) प्रथम, शिवम (बाराबंकी) द्वितीय, तनुजा विश्वकर्मा (बाराबंकी) तृतीय, अपूर्वा वैश्य (बांदा) और शुभांगी (बाराबंकी) चौथे स्थान पर, शिखा सिंह (उन्नाव) और निखिल चैरसिया (श्रावस्ती) रहीं. वहीं इण्टरमीडिएट परीक्षा में तनु तोमर (बागपत) प्रथम, भाग्यश्री उपाध्याय (गोण्डा) द्वितीय, आकांक्षा शुक्ला (प्रयागराज) तृतीय, युवराज (बागपत) चौथे, दीक्षा (फतेहपुर) चौथे स्‍थान पर रही.

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बता दें तनु को 12वीं में 97.80 प्रतिशत अंक मिले हैं. बता दें कि तनु तोमर एक किसान की बेटी हैं और वह डॉक्टर बनना चाहती हैं. तनु कहती हैं कि दसवीं के बाद ही टॉपर बनने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिया था.स्कूल से घर आने जाने में समय खर्च होता था, इसलिए शुरुआत में टाइम मैनेजमेंट में उसे कठिनाई का सामना करना पड़ा. तनु ने बताया कि वह रोजाना 19 से 20 घंटे पढ़ाई करती थी. पढ़ाई में अनुशासन और समय पालन सबसे ज्यादा जरूरी होता है.

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तनु ने आगे बताया, "घर में मुझे सभी ने सपोर्ट किया, खासकर मम्मी पापा ने. मम्मी मुझसे कोई काम नहीं कराती थीं, वो मुझे पढ़ने के लिए पूरा समय देती थीं. सभी का सपना है कि मैं डॉक्टर बनूं." गौरतलब है कि यूपी बोर्ड परिणामों में पिछले कई सालों से लड़कियों का दबदबा बना हुआ है. लड़कों के मुकाबले लड़कियों के पास होने की प्रतिशत न सिर्फ ज्यादा है, बल्कि फर्स्ट क्लास पास होने के मामले में भी लड़कियां फर्स्ट बनी हुई हैं. यह बात 10वीं और 12वीं क्लास दोनों पर लागू हो रही है.