News Nation Exclusive: आतंकियों के निशाने पर थे बड़े धार्मिक आयोजन, कांवड़ यात्रा और ईद!
न्यूज नेशन के मिली जानकारी के अनुसार स्लीपर सेल का मकसद धार्मिक जुलूसों में बम धमाके करना था ताकि सांप्रदायिक सौहार्द खराब किया जा सके...इसके लिए पहला टारगेट लखनऊ ही चुना गया था
highlights
- आतंकी गतिविधियों का भंडाफोड़ करने में जुटी UP ATS से न्यूज नेशन के हाथ बड़ी जानकारी लगी है
- स्लीपर सेल का मकसद धार्मिक जुलूसों में बम धमाके करना था ताकि सांप्रदायिक सौहार्द खराब किया जा सके
- पहला टारगेट लखनऊ ही चुना गया था क्योंकि लखनऊ में बड़ी तादाद में धार्मिक जुलूस निकाले जाते हैं
नई दिल्ली:
आतंकी गतिविधियों ( Terrorist activities) और उससे जुड़े लोगों का भंडाफोड़ करने में जुटी UP ATS से न्यूज नेशन के हाथ बड़ी जानकारी लगी है. न्यूज नेशन के मिली जानकारी के अनुसार स्लीपर सेल ( sleeper cell ) का मकसद धार्मिक जुलूसों में बम धमाके करना था ताकि सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) खराब किया जा सके...इसके लिए पहला टारगेट लखनऊ ही चुना गया था क्योंकि लखनऊ में बड़ी तादाद में अलग अलग मजहबों के धार्मिक जुलूस (religious procession) निकाले जाते हैं. जिस तरह से ATS ने खुलासा है कि ऐसे में माना जा रहा है कि कांवड़ यात्रा ( kanwar yatra) और ईद-उल-अजहा (eid-ul-azha) के दौरान निकलने वाले धार्मिक जुलूस या जमा होने वाली भीड़ आतंकियों के निशाने पर हो सकती थी. अगर ATS ने समय रहते आतंकी गतिविधियों का भंडाफोड़ न किया होता तो उनके मंसूबे कामयाब हो सकते थे.
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एटीएस ने खुलासा किया है कि अलकायदा आतंकी बड़े शहरों को टारगेट करने के साथ ही छोटे शहरों में स्लीपर सेल की नर्सरी तैयार कर रहे हैं. एटीएस कानपुर में अब तक 27 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है. हालांकि इनमें से तीन को छोड़कर 27 को शर्त के आधार पर छोड़ दिया गया है. आपको बता दें कि एटी एस ने अलकायदा से जुड़े अंसार गजवातुल हिंद के 5 आतंकियों को पकड़ लिया है. इनके कानपुर से क रीबी ताल्लुक निकलकर सामने आए हैं. पिछले दिनों लखनऊ में दो कथित आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद हुई जांच में पता चला है कि कानपुर आतंकी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है. एटीएस के सूत्रों ने दावा किया कि मसीरुद्दीन और मिन्हाज अंसारी से पूछताछ में पता चला है कि दोनों कानपुर के नई सड़क और चमनगंज इलाकों में मदरसों में बार- बार आते थे, जहां कुछ अन्य सदस्यों को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था.
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यह मुख्य रूप से यहीं से था कि वे अपने हैंडलर उमर हलमंडी के संपर्क में थे, जिसका स्थान पाकिस्तान- अफगानिस्तान सीमा पर है. हलमंडी अल-कायदा के भारतीय मॉड्यूल को नियंत्रित करता है. एक अधिकारी ने कहा, "कानपुर में लगभग दो दर्जन स्थानों पर इसी तरह की गतिविधियां चल रही थीं. रहमानी बाजार के युवक उन्हें सिम कार्ड और मोबाइल फोन की आपूर्ति कर रहे थे. उन्हें भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है."
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