logo-image

टेरर फंडिंग केस में यूपी एटीएस ने10 लोगों को किया गिरफ्तार, लश्कर-ए-तैयबा से संबंध का दावा

उत्तर प्रदेश एटीएस का दावा है कि इन लोगों के ताल्लुकात लश्कर-ए-तैयबा से थे और इनको देश विरोधी गतिविधियों के लिए टेरर-फंडिंग की है।

Updated on: 25 Mar 2018, 06:09 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है। एटीएस का दावा है कि इन लोगों के ताल्लुकात लश्कर-ए-तैयबा से थे और इनको देश विरोधी गतिविधियों के लिए टेरर-फंडिंग की है।

एटीएस आईजी असीम अरुण ने कहा, 'यूपी एटीएस ने शनिवार को गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और रिवान (एमपी) से 10 लोगों को पाकिस्तान द्वारा टेरर-फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है।'

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान नसीम अहमद, नयीम अर्शद, संजय सरोज, निरज मिश्रा, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय उर्फ मुशर्रफ अंसारी, अंकुर राय और दयानंद यादव के रूप में की गई है।

असीम अरुण ने कहा, 'लश्कर-ए-तैयबा का एक सदस्य लगातार इन लोगों के साथ संपर्क में था, जो लगातार फर्जी खातों में पाकिस्तान से पैसे भेजता था। इन लोगों को पैसा पहुंचाने का निर्देश दिया जाता था। पैसा ट्रांसफर करने के लिए यह लोग 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन लेते थे। जांच में अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन सामने आया हैं।'

और पढ़ें: कृषि लागत से डेढ़ गुना अधिक होगा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य : पीएम

उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तार व्यक्तियों का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध था और उनमें से कुछ लोग जानते थे कि यह सब क्या हो रहा है।

अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों को इस बारे में पूरी तरह से जानकारी थी। लेकिन कुछ लोगों इसे लॉटरी फ्रॉड के रूप में जानते थे। मामले की विस्तृत जांच जारी है। अभी औऱ गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि इस मामले में बैंक अधिकारियों का रोल भी सवालों के घेरे में है।

उन्होंने बताया कि मौके से एटीएम कार्ड, 42 लाख रुपये नगद, स्वैप मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, विभिन्न बैंकों के पासबुक, एक देशी पिस्तौल और कारतूस बरामद किए गए हैं।

यह भी पढ़ें: 'मेक इन इंडिया से पूरा हो रहा भारत को इंडस्ट्रियल सुपरपावर बनाने का अंबेडकर का सपना : PM मोदी