पिछले कुछ दिनों से एटीएस ने अपनी निगाहें रोहिंग्या मुसलमानों पर टिका दी है. दरअसल कुछ दिनों पहले बनारस से गिरफ्तार प्रवेश और रईस से इस बात की जानकारी मिली थी कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 200 सदस्य उत्तर प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए पीएफआई ने उतार दिए हैं. यह सभी या तो रोहिंग्या मुसलमानों को अपना अगला मोहरा बना रहे हैं या इनको बांग्लादेश से भारत लाकर देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहे हैं. जब सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को दी तो उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश भर में अभियान चलाकर रोहनिया मुसलमानों की पहचान कराने का अभियान शुरू कर दिया.
परवेज और रईस दोनों बनारस में लंबे समय से रह रहे थे और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लिए काम कर रहे थे 6 मई को एटीएस को जब जानकारी मिली कि परवेज और रईस दोनों 50000 की नामी बनारस में रहकर सफाई के लिए काम कर रहे हैं. एटीएस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें रिमांड पर लेकर उनसे जो पूछताछ की थी. उसमें यह बात सामने आई थी कि उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या मुसलमानों के जरिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया अपने नापाक मंसूबों को कामयाब करना चाहता है. इसके बाद एटीएस ने जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार को साझा की और सरकार ने इस मामले में बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.
राजधानी लखनऊ में भी अभियान जारी है ऐसे इलाके जहां पर असम से आकर लोग झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे हैं वहां विशेष अभियान चलाया जा रहा है. आखिर संज्ञान में किस तरह से रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान की जा रही है. UP में साल 2017 से ATS अब तक 17 रोहिग्या और 33 बांग्लादेशी नागरिकों को गिफ्तार कर चुकी है. इनमें में 17 रोहंगिया लखनऊ जेल में बंद हैं. खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि प्रदेश में 1700 से अधिक रोहिंग्या अपनी जड़े जमा चुके हैं. पहचान बदलकर रह रहे इन घुसपैठियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसने की कसरत लगातार चल रही है.
Source : News Nation Bureau