उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव गुजरे हुए 5 माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन उसके बावजूद प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, और कांग्रेस अभी तक अपना नया प्रदेश अध्यक्ष नई तलाश सकी हैं. ये तीनो ही पार्टियां उत्तर प्रदेश में बिना प्रदेश अध्यक्ष के काम कर रही हैं, जबकि नगर पालिका चुनाव कुछ ही माह की दूरी पर है और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी ज्यादा दूर नहीं हैं. भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कई दिनों से जारी है और माना जा रहा है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं, जबकि समाजवादी पार्टी की बात करें तो अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को छोड़कर पार्टी की सभी इकाइयों को पिछले माह ही भंग किया जा चुका है और पार्टी प्रदेश भर में सदस्यता अभियान चला रही है.
हालांकि समाजवादी पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष के पद का उतना महत्व नहीं है, जितना कि भाजपा या कांग्रेस में है क्योंकि समाजवादी पार्टी में सभी बड़े और अहम फैसले राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही लेते हैं. लेकिन लोगों की दिलचस्पी इसमें है कि समाजवादी पार्टी नरेश उत्तम को बरकरार रखती है या किसी नए चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है.
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भी अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में मैदान में उतरी थी लेकिन लल्लू भी चुनाव हार गए हैं और कांग्रेस भी चुनाव बुरी तरह से हार गई. अजय कुमार लल्लू ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. चुनाव के बाद से अब तक कांग्रेस अपना नया अध्यक्ष नहीं तलाश पाई है.
Source : Anil Yadav