उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की चाची के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके चाचा को बुधवार को 12 घंटे की पैरोल दी है. पुलिस रायबरेली जेल से उनके चाचा को लेकर सीधे शुक्लागंज के गंगाघाट पहुंच रही है. अंतिम संस्कार के बाद चाचा को फिर रायबरेली जेल भेज दिया जाएगा.
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जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया, "दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को हाईकोर्ट से एक दिन के पैरोल की स्वीकृति मिली है. पीड़िता के चाचा अंतिम संस्कार के लिए घाट पर पहुंचेंगे. वे बुधवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक पैरोल पर रहेंगे. उधर पीड़िता की चाची का शव भी उन्नाव के माखी गांव पहुंच गया है. जिला प्रशासन ने पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है. जिला प्रशासन ने रास्ते के साथ ही घाट पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं."
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उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति मिलते ही पुलिस ने मंगलवार देर शाम बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा. गांव के साथ गंगाघाट तक पुलिस का पहरा रहेगा. ज्ञात हो कि पीड़िता के चाचा को पैरोल न मिलने से उसकी चाची के शव का अंतिम संस्कार मंगलवार को भी नहीं हो पाया.
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किशोरी की चाची और मौसी की रविवार को रायबरेली जिले में सड़क हादसे में मौत हो गई थी. पुलिस ने जद्दोजहद के बाद दोनों शवों का लखनऊ में पोस्टमार्टम तो करा दिया लेकिन अंतिम संस्कार करने के लिए घर में किसी पुरुष के न होने से रायबरेली जेल में बंद पीड़िता की चाची के पति (किशोरी के चाचा) ने जिला अधिकारी से पैरोल मांगी थी. वहीं, मौसी का शव बाराबंकी स्थित उनके घर पर भेजा जाएगा.
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उन्नाव के माखी गांव में दुष्कर्म पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार होने को लेकर गांव में पुलिस की सुरक्षा और बढ़ा दी गई. सोमवार को तीन थानों की पुलिस के साथ पीएसी को तैनात किया गया था पर मंगलवार को सफीपुर, आसीवन, फतेहपुर चौरासी, बांगरमऊ, अजगैन और अचलगंज आदि थानों की पुलिस माखी पहुंच चुकी थी. पीड़िता के घर के बाहर पुलिस तैनात करने के साथ गांव भर में पुलिस गश्त भी कर रही है.
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गौरतलब है कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता अपने परिजनों समेत रविवार को रायबरेली में हादसे का शिकार हो गई थी. कार और ट्रक की टक्कर में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि हादसे में वकील महेंद्र सिंह चौहान और दुष्कर्म पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पीड़िता का इलाज केजीएमयू में चल रहा है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, वकील महेन्द्र सिंह की हालत पहले से कुछ बेहतर बताई जा रही है.
HIGHLIGHTS
- अंतिम संस्कार करने के लिए मिली 12 घंटे की पैरोल
- सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक रहेंगे पैरोल पर
- न्यायालय से आदेश के बाद पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की