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उन्‍नाव रेप केस : कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा, कोर्ट ने 25 लाख रुपये जुर्माना भी ठोका

दिल्‍ली के तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना भी सुनाया है.

Updated on: 20 Dec 2019, 02:50 PM

नई दिल्‍ली:

उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई गई है. साथ ही कोर्ट ने 25 लाख रुपये का जुर्माना भी सुनाया है. जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा, कहा- वो पब्लिक सर्वेट था, लेकिन जनता के साथ विश्वासघात किया. पीड़ित परिवार को प्रताड़ित किया और उसकी ओर से धमकियां दी गईं. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बीते मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में सुनवाई हुई. कोर्ट ने 20 दिसंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था. सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि यह मामला केवल रेप का नहीं है, इसमें बड़ी बात मानसिक उत्पीड़न की है.

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सजा पर बहस के दौरान सेंगर के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनकी उम्र 54 साल है और उनका पूरा करियर देखा जाए तो वर्ष 1988 से अभी तक वो पब्लिक डीलिंग करते रहे हैं. हमेशा लोगों की सेवा की है. वर्ष 2002 से लगातार वो जनता की मांग पर चुनाव लड़े और विधायक बने. वकील ने यह भी कहा कि सेंगर की दो बेटियां भी हैं जो शादी के लायक हैं, ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जानी चाहिए.

कुलदीप सेंगर पर अभी तीन और मामले दिल्ली की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहे हैं. रेप के एक मामले में सेंगर दो दोषी करार दिया गया है. सेंगर को 14 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में कोर्ट ने शशि सिंह को संदेह के घेरे में तो रखा लेकिन मामले में पुख्ता सबूत न होने के कारण संदेह का लाभ देते हुए उन्हें इस मामले से बरी कर दिया.

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उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में दिल्‍ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने मंगलवार को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने सह आरोपी शशि सिंह (Shashi Singh) को बरी कर दिया था. कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते वक्‍त कोर्ट ने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे. कोर्ट ने कहा- सीबीआई (CBI) ने लड़की के घर जाकर पूछताछ करने के बजाय उसे बुलाया, जिससे वह परेशान हुई.

कोर्ट ने यह भी कहा, यह समझ से परे है कि CBI ने चार्जशीट दायर करने में इतना वक्‍त क्‍यों लगाया. कोर्ट ने कहा, पीड़िता नाबालिग थी. जून 2017 में वो रेप की शिकार हुई, यह बात साबित होती है. लड़की ने बताया कि उसको लगातार धमकियां मिल रही थीं. वो ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंधित है.