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Unnao prisoners holy dip Photograph: (Social)
UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब लगातार उमड़ रहा है. यहां आंकड़ा 50 करोड़ के पार पहुंच चुका है. इस बीच उन्नाव की जिला जेल में बंद महिला-पुरुष कैदियों को भी संगम के पवित्र जल से स्नान का मौका मिला है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेल अधीक्षक पवन सिंह का कहना है कि वह 14 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए गये थे. अगले दिन उन्होंने वापसी के वक्त साथ में जेल में बंद कैदियों के लिए संगम का पवित्र जल भी साथ में ले लिया. ड्यूटी पर लौटने के बाद, जेल परिसर में स्नान के लिए बनी टंकी को फूल-मालाओं से सजाया गया और उसमें संगम का जल डाला गया. इसके बाद कैदियों ने 'गंगा मैया की जय' का उद्घोष करते हुए इस जल से स्नान किया.
*लो भाई* ........😎
— Kishore Ailani (@ailanikishore) February 18, 2025
*जेल में कुंभ स्नान...*
Unnao...
जेल में कैदियों का कुंभ स्नान !
जेल प्रशासन ने कैदियों को कराया कुंभ स्नान !
उन्नाव जिला कारागार के जेल अधीक्षक ने विशेष प्रबंध कर करवाया कैदियों को जेल में कुंभ स्नान !
*कैदियों ने किया हर हर गंगे का उद्घोष !!!* pic.twitter.com/869pyr7HZp
हर-हर गंगे के जयकारे के साथ डुबकी
संगम से लाये गये इस पवित्र जल से जेल में बंद कैदियों को स्नान कराया गया. कैदियों द्वारा हर-हर गंगे के जयकारे लगाए गए. कैदियों ने संगम के पवित्र जल से नहाने के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य भी दिया. इस वायरल वीडियो को लेकर जेल के अधिकारी के प्रयासों के खूब सराहना हो रही है. बता दें कि उन्नाव जेल में करीब 1,000 कैदी हैं, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं. जेल प्रशासन का मानना है कि इस संगम स्नान से उनके मन की बुराई खत्म होगी और उन्हें आध्यात्मिक शांति मिलेगी.
अलर्ट मोड पर प्रशासन
बताते चलें कि प्रयागराज में माघ मेले और अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. इसे देखते हुए प्रशासन ने अधिकारियों की तैनाती की अवधि को 27 फरवरी तक बढ़ा दिया है. संगम में स्नान करने वालों की संख्या में वृद्धि होने की वजह से ट्रैफिक मैनेजमेंट और कानून व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है. ऐसे में अब इसे सुचारू बनाए रखने की चुनौती भी बढ़ गई है. यहां हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे कई लोगों को भूख और प्यास से जूझना पड़ रहा है. लंबी दूरी पैदल तय करने वाले यात्रियों की सहायता के लिए समाजसेवी और स्थानीय लोग भोजन और पानी की सेवा दी जा रही है.