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उन्नाव गैंगरेप मामला : पीड़िता सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल, जानें इस मामले में कब क्या हुआ

उन्नाव गैंगरेप मामले में कुलदीप सेंगर मुख्य आरोपी है, हादसे में पीड़िता की मम्मी और चाची की मौत

Updated on: 28 Jul 2019, 08:42 PM

नई दिल्ली:

उन्नाव गैंग रेप मामला आपको तो याद होगा. जिसमें कुलदीप सेंगर मुख्य आरोपी हैं. इस मामले में रविवार को बड़ा ट्विस्ट आ गाया है. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में रविवार को एक कार और एक ट्रक में भीषण टक्कर हो गई. जिसमें उन्नाव गैंग रेप की पीड़िता गंभीर घायल हो गई. उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया. वहीं हादसे में पीड़िता की मम्मी और चाची की मौत हो गई. पीड़िता के वकील की हालत भी गंभीर बताई जा रही है. पीड़िता लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी और मौत से लड़ रही है. आपको सिलसिलेबार तरीके से बता रहे हैं कि इस केस में कब क्या हुआ.

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4 जून 2017 : 17 वर्षीय पीड़िता ने बीजेपी के उन्नाव विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि विधायक के घर पर उसका बलात्कार किया गया. पीड़िता ने कहा कि वह अपने एक पड़ोसी के साथ नौकरी दिलाने में मदद के लिए विधायक के पास गई थी.

11 जून 2017: आरोप लगाने के बाद बाद पीड़िता लापता हो गई. परिवार वालों ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

20 जून 2017: पीड़िता औरैया के एक गांव से मिली. उसे अगले दिन उन्नाव लाया गया.

22 जून 2017: पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में पेश किया और सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत उसका बयान रिकॉर्ड किया. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान में विधायक का नाम लेने से मना किया.

3 जुलाई 2017: 10 दिन बाद पीड़िता को उसके परिवारवालों को सौंप दिया गया. पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर वह दिल्ली चली गई. इसके बाद उसने मुख्यमंत्री दफ्तर और वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शिकायत भेजी. इसमें उसने विधायक और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने की मांग की.

24 फरवरी 2018: पीड़िता की मां ने उन्नाव के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.

3 अप्रैल 2018: कोर्ट ने पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई की. इस सुनवाई में लड़की का परिवार भी शामिल हुआ था. इसी शाम, लड़की के पिता को कथित तौर पर अतुल सिंह और उसके सहयोगी मक्खी ने बुरी तरह पीटा. लड़की के पिता को पुलिस को सौंप दिया गया, उन्होंने सेक्शन 25 के तहत मामला दर्ज कराया.

5 अप्रैल 2018: मेडिकल एग्जामिनेशन के बाद लड़की के पिता को जेल भेज दिया गया. लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उसे फंसाया जा रहा है और विधायक के भाई ने उसे बुरी तरह पीटा. उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

8 अप्रैल 2018: इसके बाद पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में सीएम आवास के बाहर खुद को जलाने की कोशिश की.

9 अप्रैल 2018: जिला कारागर से शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई. इसके बाद 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया. पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया. ये सभी विधायक कुलदीप सेंगर के सहयोगी थे.

10 अप्रैल 2018: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 जगह चोट के निशान थे.

11 अप्रैल 2018: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस को यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया.

12 अप्रैल 2018: मामला सीबीआई को सौंपा गया और विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया गया.

13 अप्रैल 2018: कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही नई एफआईआर दर्ज की गई. उसे एक हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.

11 जुलाई 2018: सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था.

13 जुलाई 2018: दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोगों का नाम शामिल था.