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Unnao: उग्र हुआ किसानों का प्रदर्शन, दो जगहों पर आगजनी, सब स्टेशन और ट्रक खाक

उग्र हुआ किसानों का प्रदर्शन. सब स्टेशन के बाहर पड़े सामान को नाराज किसानों ने आग के हवाले कर दिया. आग देख कर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया.

Updated on: 17 Nov 2019, 12:52 PM

उन्नाव:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य औद्योगिक विकास निगम (State industrial development corporation) की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना (Trans Ganges City Project) के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजा (Compensation) नहीं मिलने से नाराज हजारों किसानों ने रविवार को भी विरोध प्रदर्शन किया. रविवार को ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के सब स्टेशन के बाहर पड़े सामान को नाराज किसानों ने आग (Fire) के हवाले कर दिया. आग देख कर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद पुलिस बल व अधिकारी मूक दर्शक बने रह गए.

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सब स्टेशन ट्रांसगंगा सिटी एरिया के करीब 1 किलोमीटर की परिधि में है. जमीन अधिग्रहण से गुस्साए किसानों ने रविवार को जेसीबी और गाड़ियों पर पथराव किया. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस भी जब हालात काबू न कर पाई तो मौके पर 12 थानों की पुलिस और पीएसी (PAC) की टुकड़ी को भी तैनात किया गया है. उन्नाव के एसपी ने कहा है कि शनिवार को हुए किसानों और पुलिस के बीच झड़प में 5 पुलिस वाले घायल हो गए. इस मामले में 30 लोगों पर नामजद FIR दर्ज की गई है. वहीं 200 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की गई है.

उचित मुआवजा न मिलने से गुस्से में किसान

किसानों का कहना है कि ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इसी मांग को लेकर किसानों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया. किसानों का आरोप है कि 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीन को अधिगृहीत कर लिया गया था. इसका उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इसी मांग को लेकर हजारों किसानों ने सड़क पर उतर प्रदर्शन किया.

मुलायम सिंह के कार्यकाल में 2003 में बनी थी योजना

2003 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में ट्रांस गंगा हाई टेक योजना बनी थी. जानकारी के मुताबिक सरकार ने उस समय मुआवजा इतना कम रखा कि किसानों ने इसमें अपनी रुचि नहीं दिखाई. बाद में प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो मुआवजे की दर 2.51 लाख रुपये से बढ़ाकर 5.51 लाख रुपये कर दिया गया. यूपीएसआईडीसी योजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम 2012 तक नहीं कर पाई. इसके बाद प्रदेश में एक बार फिर सपा की सरकार बनी. विभाग ने किसानों की जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया. इसके विरोध में किसान सड़क पर उतर आये. किसानों की मांग थी कि पूर्व में जो दरें लागू की गई थीं, वह मौजूदा समय में बहुत कम हैं.