उन्नाव केस ने पकड़ा तूल, कानपुर में भर्ती बच्ची को दिल्ली रेफर करने की मांग
16 साल की लड़की के भाई ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, "मैंने अपनी सगी बहन को दो चचेरी बहनों के साथ देखा. उनके हाथ-पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे."
highlights
- उत्तर प्रदेश के उन्नाव का है मामला
- बुधवार रात संदिग्ध हालात में मिली थी 3 लड़कियां
- दो की हो चुकी है मौत, एक अस्पताल में भर्ती
उन्नाव:
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में अपराध की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है. इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश के उन्नाव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. उन्नाव के बबुरहा गांव में तीन दलित नाबालिग लड़कियां बेहोशी की हालत में पाई गईं. जिनमें से दो लड़कियों को जिला अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि तीसरी लड़की को गंभीर हालत में कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लड़कियों की उम्र 13, 16 और 17 साल बताई जा रही हैं जो बुधवार रात गांव के एक खेत में बेसुध हालत में पाई गई थीं.
पुलिस के मुताबिक, बुधवार दोपहर को ये तीनों लड़कियां मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गई थीं. देर शाम तक घर वापस न लौटने पर इनके परिजनों ने ढूंढ़ना शुरू कर दिया और तभी ये लड़कियां खेत में बेहोशी की हालत में मिलीं. खेत में ये लड़कियां दुपट्टे से बंधी मिलीं और इनके मुंह से झाग भी आ रहा था. बताया जा रहा है कि लड़कियों को जहर दिए जाने की आशंका है. हालांकि, लड़कियों के शरीर पर उनके कपड़े मौजूद थे.
16 साल की लड़की के भाई ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा, "मैंने अपनी सगी बहन को दो चचेरी बहनों के साथ देखा. उनके हाथ-पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे." उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने पत्रकारों को बताया कि ये तीनों आपस में बहनें हैं. उन्होंने आगे कहा, "पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर देखा कि उनके मुहं से सफेद झाग जैसा कुछ निकल रहा था." दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. लड़कियों के परिवार ने हत्या का आरोप लगाया है.
इस बीच, समाजवादी पार्टी के एमएलसी ने आरोप लगाया है कि उन्नाव पुलिस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने इस मामले पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है. समय के साथ-साथ मामला तूल पकड़ता जा रहा है. समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और भीम आर्मी भी लड़की को दिल्ली एयरलिफ्ट करने की मांग की है. चंद्रशेखर ने ट्वीट कर लिखा, ''उन्नाव केस की एकमात्र गवाह बच्ची का बेहतर इलाज व उसकी सुरक्षा सबसे जरूरी है. बच्ची को तत्काल एयर एंबुलेंस से AIIMS दिल्ली लाया जाए. उत्तरप्रदेश सरकार का अपराधियों को संरक्षण व अपराधियों के मामले में सरकार की कार्यशैली को देश हाथरस कांड में देख चुका है.''
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