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बेहोश किये गए बाघ की उपचार के दौरान मौत, जानें क्यों

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में रविवार को बेहोश किये गये एक बाघ की देर शाम मौत हो गयी. माना जा रहा है कि उसकी मौत नशे की खुराक ज्यादा हो जाने के कारण हुई.

Updated on: 04 May 2020, 03:00 AM

पीलीभीत:

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में रविवार को बेहोश किये गये एक बाघ की देर शाम मौत हो गयी. माना जा रहा है कि उसकी मौत नशे की खुराक ज्यादा हो जाने के कारण हुई. रिजर्व के उप निदेशक नवीन खंडेलवाल ने बताया कि शुक्रवार को कई ग्रामीणों और वन विभाग की टीम पर हमला करने वाले बाघ को बेहोश (ट्रेंकुलाइज) करने का अभियान रविवार सुबह शुरू हुआ था. 

शाम लगभग पौने पांच बजे उसे बेहोश कर पकड़ा जा सका. पहली बार के ट्रेंकुलाइजेशन के बाद वह उठकर भाग गया था. उसे दोबारा ट्रैंकुलाइज किया गया था. बेहोश होने के बाद पड़ताल करने पर उसके शरीर पर चार बड़े घाव पाये गये. उनमें कीड़े भी पड़ गये थे. खंडेलवाल ने यह भी बताया कि इस लगभग 10 वर्षीय बाघ को पांच दिन से कुछ खाने को नहीं मिला था.

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यह भी माना जा रहा है कि टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने के बीच उसके बेतहाशा भूखे होने के कारण नशे की ओवर डोज हो गयी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है. हालांकि यह जांच का विषय है. इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि आपरेशन बाघ के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर भी ध्यान रखा गया.

मौके पर पीपीई किट से लैस कर्मी ही मौजूद रहे. उनके अलावा किसी और को मौके पर नहीं जाने दिया गया. बाघ को बेहोश करने के बाद सेनेटाइज किए गए पिंजरे में रखा गया था. इस बाघ ने शुक्रवार को माला रेंज के गढाबीट के पास जरा जरी गांव के नजदीक शुक्रवार की सुबह तीन ग्रामीणों पर हमला किया था.

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उसके बाद वह पास में ही नहर के किनारे झाड़ियों में ही बैठ गया था. वन विभाग की टीम ने जब उसे खदेड़ने का प्रयास किया तो वह हमलावर हो गया और बंद ट्रैक्टर पर सवार टीम के लोगों पर हमला कर दिया था. भाषा सं सलीम शोभना शोभना