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Twin Tower का मलबा हटाने का काम फिर शुरू, 100 मजदूर और 9JCB काम पर लगी

प्रदूषण का स्तर बढ़ने के चलते ट्विन टावर के मलबे को हटाने का काम रोक दिया गया था. अब ग्रेप 4 के नियमों के हटने के बाद काम फिर शुरू हो गया है. 100 मजदूर और 9 जेसीबी मशीनें काम पर लग गईं हैं. इसका निपटारा नवंबर तक होना था. लेकिन बीच में काम बंद होने के कारण अब इसमें थोड़ी देरी होगी. 8 नवंबर से मलबा हटाने का काम बंद था. अब फिर से मजदूरों को वापस बुलाया जा रहा है. ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है, ताकि धूल न उड़े. मशीनों को वापस काम पर लगा दिया गया है. धूल न उड़े इसके लिए स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकल का प्रयोग लगातार किया जा रहा है. अलग किए गए मलबे को ट्रक के जरिए निस्तारण प्वांइट तक ले जाया जा रहा है. यहां भी एनजीटी के नियमों का पालन किया जा रहा है.

Updated on: 22 Nov 2022, 11:44 AM

नोएडा:

प्रदूषण का स्तर बढ़ने के चलते ट्विन टावर के मलबे को हटाने का काम रोक दिया गया था. अब ग्रेप 4 के नियमों के हटने के बाद काम फिर शुरू हो गया है. 100 मजदूर और 9 जेसीबी मशीनें काम पर लग गईं हैं. इसका निपटारा नवंबर तक होना था. लेकिन बीच में काम बंद होने के कारण अब इसमें थोड़ी देरी होगी. 8 नवंबर से मलबा हटाने का काम बंद था. अब फिर से मजदूरों को वापस बुलाया जा रहा है. ट्विन टावर के मलबे को ग्रीन नेट से ढक दिया गया है, ताकि धूल न उड़े. मशीनों को वापस काम पर लगा दिया गया है. धूल न उड़े इसके लिए स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकल का प्रयोग लगातार किया जा रहा है. अलग किए गए मलबे को ट्रक के जरिए निस्तारण प्वांइट तक ले जाया जा रहा है. यहां भी एनजीटी के नियमों का पालन किया जा रहा है.

दरअसल ट्विन टावर के मलबे को हटाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग को तीन महीने का समय दिया गया है. इसमें 15 दिन का समय अथॉरिटी से एनओसी न मिल पाने के कारण यूं ही बर्बाद हो गया था. अब नवंबर में प्रदूषण के चलते 12 से 13 दिन काम बंद रहा. इससे यहां से मलबा जल्द साफ होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. अब तक इस साइट से 25 ट्रक यानी लगभग 510 मीट्रिक टन लोहे का स्क्रैप हटाया जा चुका है और 5340 मीट्रिक टन कॉन्क्रीट और मलबा 267 ट्रकों से हटाया गया है.

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