Advertisment

कछुआ दिवस विशेष : कछुओं की सुरक्षा के लिए वेवसाइट और ऐप हुआ लांच

रविवार को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर कछुओं की प्रजाति को आसानी से पहचानने और उनको सही स्थान तक पहुचाने के उद्देश्य से एक वेव साइट और एक ऐप का लॉन्च किया गया है.

author-image
Avinash Prabhakar
एडिट
New Update
6

कछुआ ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

रविवार को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर कछुओं की प्रजाति को आसानी से पहचानने और उनको सही स्थान तक पहुचाने के उद्देश्य से एक वेव साइट और एक ऐप का लॉन्च किया गया है. सरयू नदी के किनारे तीन साल से शोध कर रही अरुणिमा ने बताया कि बहराइच में सरयू का किनारा कछुओं के सर्वाइवल के लिए बहुत उपयुक्त स्थान है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कछुओं की 15 प्रजातियों में से सरयू के किनारे 11 प्रजातियों का पाया जाना बहुत ही सौभाग्य की बात है. इतनी अधिक प्रजातियों के मिलने से यह प्रतीत होता कि यह इलाका कछुओं की उतपत्ति के लिए काफी अनुकूल है.

 अरुणिमा ने बताया कि 2008 से इनके संरक्षण के लिए यहाँ एक प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है और वो भी इस प्रोजेक्ट से 2018 से जुड़ी हुई है. इस प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों, मछुआरों और नदी के किनारे रहने वाले लोंगो को कछुओं के बारे में जागरूक किया जाता है. नई वेवसाइट और ऐप की मदद से अब और आसानी से दुलर्भ प्रजातियों को पहचाना जा सकता और बचाया जा सकता है.

 अपनी तरह के पहले कुर्मा-ट्रैकिंग इंडियन टर्टल ऐप के जारी होने के एक वर्ष के बाद, इंडियन टर्टल कंजर्वेशन एक्शन नेटवर्क ने कुर्मा वेबसाइट का रिलीज किया. ये वेबसाइट कुर्मा-ट्रैकिंग इंडियन टर्टल ऐप की सभी पूर्व-मौजूदा सुविधाओं को समाहित करते हुये बनायी गयी है जो कछुओं के संरक्षण एवं उनकी सुरक्षा को आसान बनाने में अति सहायक सिद्ध होगी.  इस वेबसाइट के सहायता से अब न केवल कोई कछुआ के बारे में रिपोर्ट कर सकता है, बल्कि वे अपने अनुभव के बारे में दिलचस्प कहानियां भी साझा कर सकते हैं और देशभर के अन्य कछुआ प्रेमियों के साथ जुड़ सकता है.

इस ऐप को भारत के आम नागरिकों को कछुआ संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बनाया गया है जिससे इस ऐप में उनके द्वारा देखे गये कछुओं के बारे में रिपोर्ट करके वो एक राष्ट्रीय कछुआ डेटाबेस बनाने में मदद कर सकेगा. इस ऐप के माध्यम से केवल स्वच्छ जलीय कछुओं के अतिरिक्त समुद्री कछुओं के बारे में भी सूचनायें मिलने लगी हैं. इस ऐप से राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों से जल्द से जल्द सहायता भी प्राप्त की जा रही है.

वर्तमान में, इस ऐप के देश भर से लगभग 2000 उपयोगकर्ता हैं और विभिन्न क्षेत्रों से अवलोकन और बचाव के लगभग 250 रिपोर्ट अपलोड हैं. भारत में पाए जाने वाले कुर्म (Tortose) और कच्छप (Turtle) की 29 प्रजातियों में से 23 प्रजातियों को पहले ही इस ऐप में रिपोर्ट किया जा चुका है.

अब तक, सभी रेस्क्यू कर रिकॉर्ड किए गए 41 कछुवें उनके प्राकृतिक प्रवास में किये गये है जो घायल या फंसे हुए पाए गए थे, जबकि 18 पाले गये तथा 4 बाजारों से रेस्क्यू कर इस ऐप में डाले गये है. हालांकि, भारत में कछुओं के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा होने के बावजूद, अवैध वन्यजीव व्यापार से केवल 8 बचाए जाने की सूचना मिली है.

 भारत में कछुओं की 29 प्रजातियाँ पायी जाती है जिनमें 24 प्रजाति के कच्छप एवं 5 प्रजाति के कुर्म हैं जिनमें से अधिकांष कछुवें भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न अनुसूचियों के अन्तर्गत संरक्षित हैं. किन्तु इन कछुओ की प्रजातियों, इनके वितरण के क्षेत्रों तथा प्रकृति में इनकी पारिस्थितिक महत्व के बारे में लोगों का ज्ञान अत्यन्त कम है. टर्टल सवाइवल एलायन्स इन्डिया, एक दशक से अधिक समय से सम्पूर्ण भारत में विभिन्न कछुओं के विभिन्न प्रजाति वाले क्षेत्र में लगातार विभिन्न संरक्षण, अनुसंधान तथा सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छ जलीय कछुओं के अतिरिक्त अन्य जलीय वन्यजीवों तथा उनके परिवासों के संरक्षण का कार्य करती आ रही है. 5 कछुआ प्राथमिकता वाले क्षेत्र में यह कार्यक्रम 8 विभिन्न प्रजातियों के साथ विभिन्न इन-सीटू संरक्षण कार्यक्रमों, संरक्षित कालोनी तथा संरक्षित प्रजनन कार्यक्रम के प्रति प्रतिबद्य है.

 टर्टल सर्वाइवल एलायन्स ( टीएसए ) इन्डिया ने इस वर्ष विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर 'प्लास्ट्रान पिकासो' नाम का एक अप्रत्यक्ष (Virtual) कला प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें नये नये प्रतिभागियों की चित्रकला को आमन्त्रित किया गया है जिससे वे भविष्य में कछुओं एवं उनके आवास के संरक्षण में अपना सहयोग कर सकें एवं हमारे टर्टल मित्र के प्रति अपना प्यार तथा श्रद्धा दिखा सकें . अब तक टीएसए के इन कार्यक्रम के द्वारा साल एवं ढोढ़ प्रजाति के कछुओं की 6500 से अधिक अंण्ड़ो को संरक्षित किया है तथा 5000 से अधिक साल एवं ढोढ़ प्रजाति के नवजातों को राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य, उत्तर प्रदेश में चम्बल नदी में विमोचित किया.

Source : News Nation Bureau

कछुओं की सुरक्षा Turtle protection Website for Turtle Turtle Day Special कछुआ दिवस APP launched for turtle टर्टल सर्वाइवल एलायन्स
Advertisment
Advertisment
Advertisment