नोएडा प्राधिकरण ने नौकरी से निकाला तो हताश सफाई कर्मचारी ने दे दी जान
इसी आदेश की सूचना मिलने के बाद बीती रात करीब 9:30 बजे एक सफाई कर्मचारी अनिल कुमार ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
नोएडा:
बीते कई दिनों से नोएडा प्राधिकरण के मुख्य द्वार के करीब सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन पर अब प्राधिकरण ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया गया है. इसी आदेश की सूचना मिलने के बाद बीती रात करीब 9:30 बजे एक सफाई कर्मचारी अनिल कुमार ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है, जो खुद कोरोनावायरस का सम्मान करते हैं, स्वच्छ भारत अभियान के लिए सफाई कर्मचारियों का धन्यवाद करते हैं ,लेकिन दिल्ली से सटे नोएडा में एक सफाई कर्मचारी ने फांसी के रस्सी को झूलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, क्योंकि नोएडा प्राधिकरण उनकी मांगें सुनने के लिए तैयार नहीं है. बनारस में पीएम मोदी सफाई कर्मचारियों के पैर धोते हैं, लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ सफाई कर्मचारी और कोरोना वॉरियर्स के लिए दिए जलाते हैं, लेकिन नोएडा में उनकी सुनवाई तक नहीं होती.
कल सुबह प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई. दोपहर होते-होते सफाई कर्मचारियों में से तीन सदस्य आमरण अनशन पर बैठे. शाम के समय नोएडा प्राधिकरण ने बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया. इसकी सूचना 28 साल के अनिल कुमार के पास पहुंची, जो नोएडा सेक्टर 35 के करीब मोरना गांव में अकेला रहता था. उसने मेरठ में रहने वाले अपने भाई राहुल को शाम 7:00 बजे फोन किया और कहा कि मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है, आज मेरी जिंदगी का आखिरी दिन है और रात 9:30 बजे परिवार वालों यह दुखद खबर पहुंची कि अनिल फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुका है.
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अनिल कुमार अपने पीछे 7 सदस्यों को छोड़ गया है, जिनमें तीन बेटे, तीन बेटियां और एक पत्नी शामिल है. अब उसकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हैय. जो बस यही कह पा रही है कि मैडम ने उसे नौकरी से निकाल दिया. परिवार की तरफ से वह खुश था. कोई कलह नहीं, कोई समस्या नहीं, बस डर इस बात का की महामारी काल में जब नौकरियों के अवसर समाप्त हो रहे हैं, ऐसे में अगर नोएडा प्राधिकरण ने निकाल दिया तो 6 बच्चों का भरण पोषण कैसे करेगा ? कैसे वह बच्चों को खाना खिलाएगा ? कैसे वह बच्चों की पढ़ाई करवा पाएगा.. शायद इन सभी चिंताओं की वजह से अनिल ने दुनिया को छोड़ना ही एकमात्र विकल्प समझा.
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