राप्ती नदी के राजघाट के दोनों तट सौंदर्यीकरण के बाद बने पर्यटन स्थल, हुआ नामकरण
गोरखपुर में राप्ती नदी के राजघाट के दोनों तटों पर बने महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट व इसके सामने रामघाट की सुंदरता देखते ही बन रही है. यहां पहुंचने वालों की तो बात ही क्या.
गोरखपुर:
मानव काया के अंतिम पड़ाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकासपरक सोच ने एक अद्भुत आयाम दे दिया है. जो स्थान कभी बिलकुल उपेक्षित और जरूरी सुविधाओं से कोसों दूर था, अब सौंदर्य और अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं का नया प्रतिमान बन गया है. सीएम योगी की यह खास पहल ही है जिसने अंत्येष्टि स्थल को भी पर्यटन के नक्शे पर चमका दिया है. राजघाट के बाएं तट पर हुए भव्य सौंदर्यीकरण व नागरिक सुविधाओं के निर्माण कार्य के बाद इस तट को महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर समर्पित किया गया है जबकि इसके ठीक समानांतर नदी के दाएं तट पर हुए विहंगम निर्माण कार्य के बाद घाट को प्रभु श्रीराम के नाम पर रामघाट नाम दिया गया है. इन दोनों घाटों के साथ राजघाट पर अंत्येष्टि स्थल निर्माण व प्रदूषणमुक्त लकड़ी एवं गैस आधारित शवदाह संयंत्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 फरवरी की शाम करेंगे. साथ ही सीएम द्वारा राजघाट पर हाबर्ट बंधे से नई सीसी सड़क तक सीसी नाली व सड़क का शिलान्यास भी किया जाएगा. इन सभी विकास परियोजनाओं की लागत 60.65 करोड़ रुपये है. लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रहेगी.
गोरखपुर के रमणीक स्थलों में शुमार हुए राप्ती के दोनों घाट
गोरखपुर में राप्ती नदी के राजघाट के दोनों तटों पर बने महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट व इसके सामने रामघाट की सुंदरता देखते ही बन रही है. यहां पहुंचने वालों की तो बात ही क्या, राप्ती पुल से होकर गुजरने वाले भी नज़र पड़ते ही ठहर कर यहां के निखरे सौंदर्य को एकटक देखने लग जाते हैं. देखने के बाद उनकी चर्चाओं में यही बात रहती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्मशान को भी पर्यटन स्थल बनाकर दिखा दिया. ऐसी चर्चाएं लाजिमी भी हैं. सीएम योगी न केवल इस परियोजना के शिल्पी हैं, बल्कि समय समय पर यहां निरीक्षण कर और इस परियोजना की समीक्षा कर जरूरी नागरिक सुविधाओं की मुकम्मल व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं. मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इन दोनों घाटों पर राजस्थान के लाल पत्थरों से राजस्थानी शैली की स्थापत्य कला नयनाभिराम है. योगी सरकार के पहले तक पूरी तरह उपेक्षित यह स्थान अब गोरखपुर के रमणीक स्थलों में शुमार है. इन दोनों घाटों का निर्माण कार्यदायी संस्था सिचाई विभाग ने कराया है.
अंत्येष्टि स्थल का निर्माण, लकड़ी व गैस आधारित संयंत्र भी लगा
अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके मद्देनजर राजघाट पर सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया है. साथ ही यहां पर्यावरण के अनुकूल प्रदूषणमुक्त लकडी एवं गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना भी की गई है. 16 फरवरी की शाम सीएम योगी इसका भी लोकार्पण करेंगे.
लोकार्पण के बाद सीएम करेंगे दोनों घाटों का निरीक्षण, दीपोत्सव व भजन संध्या का भी आयोजन
16 फरवरी की शाम लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवनिर्मित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट व रामघाट का निरीक्षण भी करेंगे. उम्मीद है कि सीएम एक घाट से दूसरे तक नदी में मोटरबोट से जाएंगे. उस अवसर पर भव्य दीपोत्सव व राप्ती आरती व भजन संध्या का भी आयोजन होगा.
राजघाट पर स्थापित होगी भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा
राजघाट पर भगवान शंकर की भव्य प्रतिमा भी स्थापित होगी. इसकी भी जोरशोर से तैयारी चल रही है. महादेव की यह प्रतिमा 30 फीट ऊंची होगी और प्रतिमा के शीर्ष भाग से जल धारा प्रवाहित होकर भगवान की जटा से गंगा अवतरण का आभास कराएगी.
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