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मंत्री ने अपने आवास के बाहर लिखवाया, 'पैर छूना मना है'

पैर छूना एक सम्मान देने का एक तरीका है. वहीं नेताओं और मंत्रियों को इस बात में गर्व महसूस होता है कि लोग उनके पैर छुएं. लेकिन अलग कोई मंत्री अपने बंगले पर लिखवा दे कि पैर छूना मना है तौ इसमें हैरानी होगी.

Updated on: 13 Oct 2019, 10:42 AM

लखनऊ:

पैर छूना एक सम्मान देने का एक तरीका है. वहीं नेताओं और मंत्रियों को इस बात में गर्व महसूस होता है कि लोग उनके पैर छुएं. लेकिन अलग कोई मंत्री अपने बंगले पर लिखवा दे कि पैर छूना मना है तौ इसमें हैरानी होगी. ऐसा ही एक कागज इन दिनों कमलनाथ सरकार के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के बंगले पर देखने को मिल रहा है. गोविंद सिंह ने अपने बंगले पर एक पोस्टर चस्पा करवा रखा है. जिस पर लिखा था कि पैर छूना मना है.

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मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन और संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह के बंगले पर कार्यकर्ताओं को सीधे तौर पर पैर न छूने के लिए कहा गया है. इस मामले को लेकर गोविंद सिंह का कहना है कि नेता सियासत में जनता की सेवा के लिए होता है. विधायक या सांसद बनना किसी को विशेष नहीं बना देता है.

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गोविंद सिंह के मुताबिक राजनीति में पैर छूने की परंपरा बंद होनी चाहिए. कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन, संसदीय कार्य और सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह वरिष्ठतम विधायकों में से हैं. गोविंद सिंह भिंड के लहार से आते हैं. उनके नाम पर लगातार 7 बार जीत का रिकॉर्ड दर्ज है. गोविंद सिंह हमेशा साफ-सुथरी बात करने के लिए जाने जाते हैं.

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चाहे वह विपक्ष पर सवाल उठाना हो या अपनी खामियों को स्वीकार करना. गोविंद की साफगोई सरकार के लिए कई बार मुसीबत का सबब बन जाती है. डॉ गोविंद सिंह को राजधानी भोपाल के 74 बंगला इलाके में एक सरकारी बंगला मिला हुआ है. उनके बंगले पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए आवेदन न देने का भी पोस्टर चिपका हुआ है. लेकिन पैर छूना मना है को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा है.