नमामि गंगे की परियोजनाओं के लिए मिशन डायरेक्टर होगा नियुक्त, सीएम योगी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिशन डायरेक्टर सीधे परियोजना स्थलों का दौरा कर गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य को पूरा करवाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिशन डायरेक्टर सीधे परियोजना स्थलों का दौरा कर गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य को पूरा करवाएगा.

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Dalchand Kumar
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नमामि गंगे की परियोजनाओं के लिए मिशन डायरेक्टर होगा नियुक्त, सीएम योगी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ( Photo Credit : News State)

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे परियोजना में मिशन डायरेक्टर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिशन डायरेक्टर सीधे परियोजना स्थलों का दौरा कर गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से कार्य को पूरा करवाएगा. साथ ही उन्होंने परियोजना के कार्यों में देरी करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर बुधवार को नमामि गंगे परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान कार्यों में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि जो भी ठेकेदार और अधिकारी कार्य में देरी के कारण बन रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए. उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 12 नवंबर को देव दीवाली का कार्यक्रम वाराणसी में आयोजित होगा, इससे पहले वहां सभी घाटों का कार्य पूरा हो जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बरेली, आगरा, गाजीपुर और मथुरा में इस परियोजना के तहत 8 जुलाई से कार्य लंबित हैं, इसके लिए सिंचाई विभाग के एक्सईएन और चीफ इंजीनियर को नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाबदेह तय किया जाए. जरूरत पड़े तो उच्च अधिकारियों को भी जवाबदेह बनाया जाए. उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कई महीने से गायब रहने वाले फिरोजाबाद नगर निगम के चीफ इंजीनियर पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए. इस बैठक में जलशक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह समेत सभी विभागों से प्रमुख सचिव मौजूद थे.

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इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजना को लेकर भी अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजना में गुणवत्ता से किसी भी तरह कोई समझौता नहीं होना चाहिए. परियोजना के तहत जिन गांवों में पाइप बिछाने का कार्य पूरा हो गया है, वहां पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारी गांवों में जाकर जांच करें. इस परियोजना को व्यवहारिक बनाए जाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि परियोजना के तहत कार्य करने वाली कार्यदायी संस्था को पांच साल की बजाए 15 साल तक संचालन और रखरखाव का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए.

ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजना से जुड़े सिंचाई विभाग, नगर विकास, ग्राम्य विकास और जल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 नवंबर को केंद्र सरकार के मंत्री और अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक इस पर होने जा रही है. परियोजना के तहत कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ग्राम्य विकास के साथ जल निगम भी संयुक्त रूप से काम करे. मुख्यमंत्री ने कहा ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजना को व्यवहारिक बनाए जाने की जरूरत है, जिससे इस परियोजना का लाभ सभी को मिल सके. उन्होंने कहा कि गांवों में जो व्यक्ति अपने घरों में पाइप लाइन ले जाकर कनेक्शन लेना चाहता है, उससे तय शुल्क लिया जाए. जो लोग कनेक्शन नहीं लेना चाहते हैं, उनके लिए हर 10 घर पर एक वाटर स्टैंड पोस्ट लगाया जा सकता है, इसका खर्च ग्राम पंचायत के खाते में जोड़ा जा सकता है.

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