बाघिन ने ली किसान की जान, लकड़ी लेने गया था जंगल में
दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के बीच जंगल के अंदर एक बाघिन ने 42 वर्षीय एक व्यक्ति की जान ले ली.
लखीमपुर:
लखीमपुर खीरी जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के बीच जंगल के अंदर एक बाघिन ने 42 वर्षीय एक व्यक्ति की जान ले ली. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. सिंगाही के जंगलों में बाघ द्वारा किए गए हमले में यह चौथी मौत है. वन अधिकारियों को संदेह है कि दो शावकों के साथ एक बाघिन ने मृतक प्रीतम को तब मार डाला होगा, जब वह मंगलवार दोपहर तीन अन्य लोगों के साथ जलाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करने के लिए जंगल में घुसा होगा.
दुधवा (बफर) के प्रभागीय वनाधिकारी अनिल पटेल ने कहा, 'हमारी चेतावनी के बावजूद स्थानीय लोगों ने जंगल में प्रवेश किया और उनमें से एक को बाघिन ने मार डाला, इस क्षेत्र में वह अपने शावकों के साथ रहती है. बाघिन ने उस आदमी को मार डाला, लेकिन उसके शव को नहीं खाया. बाघिन अपने शावकों के कारण आक्रामक हो गई.' इससे पहले वन विभाग ने इस क्षेत्र में बाघ के हमलों में तीन लोगों के मारे जाने के बाद क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए थे.
इन दिनों दो शावकों के साथ एक बाघिन की तस्वीर को कैद किया गया था. तब से ग्रामीणों को जंगल में प्रवेश नहीं करने की चेतावनी दी गई थी. खमरिया गांव का पीड़ित प्रीतम वन के सीमा पर किसानी कर रहा था और तभी झाड़ियों के बीच एक बाघिन ने अचानक उस पर झपट्टा मारा और उसे जंगल के अंदर खींच ले गई. वन क्षेत्र के कर्मचारियों को जंगल के बाहर बाघ के पैरों के कोई निशान नहीं मिले. हालांकि, वन क्षेत्र में एक स्थान पर उन्हें पैरों के निशान और खून के धब्बे नजर आए, जिससे पता चलता है कि हमला यहीं हुआ था.
पिछले साल अक्टूबर में एक व्यक्ति ज्ञान सिंह को एक बाघ ने मार डाला था और उसके अवशेष तीन दिन बाद वन क्षेत्र में बरामद किए गए थे. घटना के चार दिन बाद वन क्षेत्र के अंदर अपने मवेशियों को चराने के लिए ले जाने वाले एक 60 वर्षीय किसान का आंशिक रूप से खाया हुआ शव बरामद किया गया था. उसी महीने में वन क्षेत्र के पास मवेशियों को चराने वाले 34 वर्षीय अवधेश यादव की मौत की जानकारी सामने आई थी.
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