बेटे पर हमला हुआ तो बचाने के लिए बाघ से लड़ गया पिता, फिर...
बहराइच जनपद के कतर्नियाघाट संरक्षित वन्यजीव क्षेत्र में जंगली जानवरों और मानव के बीच संघर्ष की खबरें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला आज सुबह का है. जहां पिता पुत्र पर हमला हुआ.
highlights
- पिता से ज्यादा बेटे को आई चोट
- वन विभाग को नहीं पता हमला किस जानवर ने किया
- करीब 15 मिनट तक हुआ संघर्ष
बहराइच:
बहराइच जनपद के कतर्नियाघाट संरक्षित वन्यजीव क्षेत्र में जंगली जानवरों और मानव के बीच संघर्ष की खबरें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ताजा मामला आज सुबह का है. जहां पिता पुत्र जेट्रोफा (डीज़ल बनाने वाला पौधा) काटने जा रहे थे. तभी टाइगर ने बेटे पर हमला कर दिया. यह देख कर पिता आक्रोश में आ गया और वह एक छोटे डण्डे से टाइगर को भगाने लगा. लगभग 15 मिनट के संघर्ष के बाद पिता ने बेटे को ज़िन्दा तो बचा लिया लेकिन बेटा कई जगह घायल हो गया और सिर बुरी तरह ज़ख्मी हो गया. 15 मिनट के इस संघर्ष में पिता को भी हल्की चोटें आई लेकिन वह खतरे से बाहर है.
यह भी पढ़ें- बारिश के कारण लगे जाम को हटवाने लगे मंत्री जीतू पटवारी, लोग देख कर हुए हैरान, VIDEO वायरल
फॉरेस्ट विभाग का इस मामले में कहना है कि सुबह हिंसक जंगली जानवर के हमले से एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना तो आई है लेकिन बिना जांच के अभी यह कह पाना मुश्किल है कि वह कौन सा जानवर था. कतर्नियाघाट के सुजौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चहलवा के वनग्राम कैलाशनगर के सदर बीट के निकट पूर्व सेन्ट्रल स्टेट फार्म में लगे बायो डीजल के पौधे काटने गए गांव निवासी कृपाराम पर टाइगर ने हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया.
यह भी पढ़ें- सरदार सरोवर बांध प्रभावितों की समस्या सुलझाने की कोशिश
साइकिल सवार पिता और पुत्र एक दूसरे से सौ मीटर की दूरी पर थे. पिता के पीछे साइकिल सवार युवक कृपाराम पर जब टाइगर ने हमला कर दिया तो पिता त्रियोगी नारायण डंडा लेकर दौड़ पड़े और डंडे के सहारे अपने बेटे के बचाव के प्रयास में जुट गए. टाइगर ने उनपर पर भी हमले का प्रयास किया पर त्रियोगी बालबाल बच गए. करीब पन्द्रह मिनट तक चले इस संघर्ष के बाद तेंदुआ झाड़ियों में भाग गया.
यह भी पढ़ें- राजा भइया के पिता उदय प्रताप सिंह पर कुंडा कोतवाल ने दर्ज कराया मुकदमा
पिता त्रियोगी अपने जख्मी पुत्र कृपाराम को सहारा देते हुए घर वापस आ गए. तभी कुछ दूरी पर पंहुचते ही टाइगर ने उनपर फिर से हमला कर दिया. दूसरी बार तकरीबन दस मिनट तक संघर्ष चला, लेकिन बाप-बेटे हिम्मत नहीं हारे और काफी जद्दोजहद के बाद तेंदुए को भगाने में कामयाब रहे.
यह भी पढ़ें- अयोध्या: इस बार दीपावली होगी खास, CM योगी के बगल में नहीं होगा भगवान राम का सिंहासन
पिता अपने जख्मी बेटे को लेकर बड़ी मशक्कत के बाद गांव के पास पहुंचा और मदद की गुहार लगाने लगा. वहां ग्रामीणों ने उन्हें आनन-फानन में स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए. सूचना वनकर्मियों को दी गई. मौके पर पंहुचे वन दरोगा मयंक पांडे ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एम्बुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर इलाज के लिए भेज दिया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sita Navami 2024: साल 2024 में कब मनाई जाएगी सीता नवमी? इस मूहूर्त में पूजा करने से घर में आएगी सुख-समृद्धि!
-
Kuber Upay: अक्षय तृतीया पर करें कुबेर के ये उपाय, धन से भरी रहेगी तिजोरी
-
Maa Laxmi Upay: सुबह इस समय खोल देने चाहिए घर के सारे खिड़की दरवाजे, देवी लक्ष्मी का होता है आगमन
-
Gifting Gold: क्या पत्नी को सोने के गहने गिफ्ट करने से होती है तरक्की, जानें क्या कहता है शास्त्र