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बिना धर्म बदले दो धर्मों को मानने वाले कर सकते हैं शादी, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन को लेकर अहम फैसला दिया है. विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म बदले दो धर्मों को मानने वाले शादी कर वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं. 

Updated on: 01 Nov 2020, 10:36 PM

प्रयागराज:

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन को लेकर अहम फैसला दिया है. विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म बदले दो धर्मों को मानने वाले शादी कर वैवाहिक जीवन बिता सकते हैं. लेकिन महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जाना गलत है. बालिग लड़का-लड़की अपनी मर्जी से पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ रह सकते हैं. उनके जीवन में हस्तक्षेप करने का किसी को अधिकार नहीं है. संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का धर्म अपनाने का अधिकार देता है. हाईकोर्ट ने कहा यह कानून सभी धर्म पर लागू है. इसके बावजूद लोग शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, जो सही नहीं है. कोर्ट ने विपरीत धर्मों के याचियों को अपनी मर्जी से कहीं भी किसी के साथ रहने के लिए स्वतंत्र कर दिया है. 

सहारनपुर की पूजा उर्फ जोया व शाहवेज की याचिका

पूजा ने घर से भाग कर शाहवेज से शादी कर ली थी. जब परिवार को पता चला तो पकड़ लाये और घर में नजरबंद कर दिया. जिस पर यह याचिका दाखिल की गयी है. कोर्ट ने 18 साल की लड़की याची को पेश करने का निर्देश दिया था. पिता द्वारा पेश न करने पर एसपी सहारनपुर को लड़की को पेश करने का निर्देश दिया. कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद पेश लड़की ने कहा वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. कोर्ट ने उसे अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया है. जस्टिस जे.जे मुनीर की एकल पीठ ने आदेश दिया.