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आजमगढ़ धर्मांतरण केस की ग्राउंड रिपोर्ट में यह सच्चाई आई सामने

अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वाले  संगठनों के निशाने पर अब पूर्वांचल के दूर-दराज के गांव भी आ गए हैं. बीते 30 जुलाई को आजमगढ़ के महाराजगंज कस्बे में इसी तरह का एक मामला सामने आया था.

Updated on: 10 Aug 2022, 06:34 PM

आजमगढ़:

अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वाले  संगठनों के निशाने पर अब पूर्वांचल के दूर-दराज के गांव भी आ गए हैं. बीते 30 जुलाई को आजमगढ़ के महाराजगंज कस्बे में इसी तरह का एक मामला सामने आया था. आरोप है कि जन्मदिन की पार्टी के बहाने ईसाई संगठनों से जुड़ी कुछ महिलाओं ने महाराजगंज कस्बे के विष्णु नगर गांव में यीशु की पूजा का कार्यक्रम रखा. इसके बाद इस कार्यक्रम में गुपचुप तरीके से गांव वालों को हिंदू से ईसाई बनाए जाने की रस्में निभाई जाने लगी. लेकिन, इसी दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम की भनक लग गई और धर्मांतरण के धंधे में जुटे लोगों का भंडाफोड़ हो गया. दरअसल, बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अपने जिला स्तर के नेताओं को इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दे दी,  फिर बजरंग दल के नेताओं ने इस अवैध धर्मांतरण की जानकारी पुलिस को दे दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 6 महिलाओं को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया. 

बर्थ-डे पार्टी के नाम पर धर्मांतरण का खेल
बताया जा रहा है कि विष्णु नगर गांव में धर्मांतरण का यह खेल गांव की ही 2 महिलाओं सुनीता देवी और सुभागी देवी ने रचा था. इन्हीं दोनों महिलाओं ने बाहर से चार अन्य महिलाओं को गांव में बुलाया था, जो ईसाई संगठनों से जुड़ी थी और फिर इन 6 महिलाओं ने मिलकर गांव में यीशु की पूजा का कार्यक्रम रखा और गांव के दर्जनों लोगों को इस पूजा में शामिल होने का न्योता दिया. गांव में ईसा मसीह की पूजा का कार्यक्रम परविंदर के घर पर रखा गया और इस पूजा में परविंदर के घर की महिलाओं के साथ ही गांव की ढेरों महिलाएं और बच्चे शामिल हुए थे, लेकिन अब परविंदर इस पूजा में शामिल होने की बात से इनकार कर रहा है. उसका कहना है कि उसे कोई जानकारी नहीं थी और बिना अनुमति के सुनीता देवी और सुभागी देवी ने इस पूजा का आयोजन किया और गांव वालों को धोखा देकर और उन्हें बरगला कर इस पूजा में शामिल कराया.

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बजरंग दल के नेताों ने पुलिस को कार्राई के लिए किया मजबूर
जबकि बजरंग दल से जुड़े स्थानीय कार्यकर्ता शिवम सिंह का कहना है कि एक साजिश के तहत दलित बस्तियों को इस तरह के मिशनरी निशाना बनाते हैं. उन्हें तरह-तरह के लालच और प्रलोभन देकर हिंदू से ईसाई में धर्मांतरित करने की साजिश रचते हैं. इसके साथ ही उसने आरोप लगाया है कि धर्मांतरण के लिए पैसा बाहर के ईसाई मुल्कों से मिलता है. बजरंग दल के जिला स्तर के  कार्यकर्ता उत्कर्ष सिंह ने बताया कि उन्हें पहले से भी इस तरह की जानकारी मिल रही थी कि इस तरह के संगठन जिले में धर्मांतरण के कार्यों में लिप्त हैं. यही वजह है कि उन पर बजरंग दल के कार्यकर्ता बहुत पहले से नजर रखे हुए थे और जब विष्णु नगर में घटना सामने आई तो बजरंग दल ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस से की और कार्यवाही करने के लिए पुलिस को मजबूर किया.

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घटना स्थल से मिले ईसाई धर्म से जुड़े धार्मिक साहित्य 
महाराजगंज कस्बे के विष्णु नगर गांव में जहां पूजा हो रही थी. यह पूजा दिन में 2:00 बजे रखी गई थी. इस बीच चार बजते-बजते बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को घटनास्थल पर बुला लिया. घटनास्थल से पुलिस को ईसा मसीह की तस्वीर मदर, मैरी की तस्वीर और ईसाई धर्म से जुड़े धार्मिक साहित्य भी बरामद हुआ था. पुलिस ने सभी सामग्री को कब्जे में लेकर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है. गिरफ्तार आरोपियों में इन्द्रकला, सुभागी देवी, साधना, समता , अनीता, सुनीता शामिल हैं. हालांकि, पुलिस धर्मांतरण के गिरोह के मुख्य सरगना तक अभी तक नहीं पहुंच पाई है. यह घटना भले ही 30 जुलाई की हो, लेकिन इस घटना को लेकर जिले के हिंदू संगठनों में अब भी भारी नाराजगी है.