/newsnation/media/media_files/2024/11/17/eyqwZ0li7lUSvq34TDhY.png)
VIDEO: इस नेता ने दी संविधान पलटने की धमकी, मोदी-शाह को भी दी खुली चुनौती!
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर के संविधान को बदलने की धमकी देता हुआ दिखाई दे रहा है.
VIDEO: इस नेता ने दी संविधान पलटने की धमकी, मोदी-शाह को भी दी खुली चुनौती!
देश में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है, और इस समय राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है. हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें एक व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर के संविधान को बदलने की धमकी देता हुआ दिखाई दे रहा है. इस वीडियो में कथित सपा नेता की शब्दों में एक खतरनाक संदेश है, जो ना केवल देश की संवैधानिक स्थिरता पर सवाल उठाता है, बल्कि इस बयान के राजनीतिक और सामाजिक निहितार्थ भी गहरे हैं.
इस वीडियो में एक शख्स खुलेआम प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को चुनौती देते हुए कहता है, "25 करोड़ की जनसंख्या है, मोदी जी और अमित शाह जी सुन लो, अगर कान बेहरे हो गए हो तो अपने कान से मैल निकाल के कान खोल कर सुन लो. वो 5 लाख थे, अब 5 करोड़ की जनसंख्या कुर्बानी देगी, वो ऐसी कुर्बानी होगी कि भारत का संविधान पलट दिया जाएगा. नया इतिहास लिखा जाएगा."
साथ ही, इस शख्स के पीछे खड़े लोग खुशी से ताली बजाते नजर आते हैं, जो इस बयान का समर्थन कर रहे हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे एक खतरनाक बयान मानते हुए इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
हालांकि इस वीडियो में शख्स का नाम फिलहाल सामने नहीं आया है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति समाजवादी पार्टी (सपा) का नेता है. अगर यह सही है, तो इस बयान से एक बार फिर सपा की राजनीति में बढ़ते विवादों और बयानबाजी की ओर इशारा होता है. इस बयान का उद्देश्य स्पष्ट रूप से सत्ता में काबिज नेताओं को चुनौती देना और उन्हें अपनी ताकत का अहसास कराना हो सकता है, लेकिन इसका संदेश समाज में गहरी चिंता पैदा कर रहा है.
सपा जैसी पार्टी का एक नेता संविधान की धारा और भारतीय लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को चुनौती दे, यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह देश में सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है. अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का पालन करना भारतीय राजनीति की नींव है, और इस तरह के बयानों से संविदानिक आदर्शों को चोट पहुंचने की आशंका बनी रहती है.
वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए एक उपयोगकर्ता ने लिखा, "मुस्लिम अंबेडकर का संविधान पलट देंगे? यह 'सपा नेता' बताया जा रहा है? यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है… देश को इस खतरनाक सोच को समझना होगा." यह टिप्पणी इस बयान की गंभीरता को रेखांकित करती है, और देशभर के नागरिकों के बीच इस पर गहरी चर्चा का विषय बन गई है.
मुस्लिम अंबेडकर का “संविधान” पलट देंगे ?
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) November 16, 2024
यह "सपा नेता" बताया जा रहा है?
यह वीडियो तेजी से "वायरल" हो रहा है... देश को इस खतरनाक सोंच को समझना होगा-pic.twitter.com/RnfvrZ4ugZ
इस वीडियो के माध्यम से उठाया गया मुद्दा गंभीर है, और यह संकेत करता है कि चुनावी राजनीति में उग्र बयानबाजी किस हद तक पहुंच सकती है. राजनीतिक दलों को इस प्रकार की बयानबाजी से बचने की जरूरत है, क्योंकि इससे न केवल समाज में अशांति फैलने का खतरा होता है, बल्कि यह देश की राजनीतिक व्यवस्था और संविधान को भी कमजोर कर सकता है. इस मामले को लेकर विपक्ष को भी अपनी सीमाएं तय करनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और समाज में भाईचारे को कोई नुकसान न पहुंचे.