गोरखपुर: बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार, फ्रेट कॉरिडोर की तर्ज पर बिछेगी नई लाइन

लखनऊ से गोरखपुर और बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैंट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी. मालगाड़ियां भी स्टेशन पर ही रुकेंगी और चलेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों पर लोड कम होने से बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग...

लखनऊ से गोरखपुर और बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैंट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी. मालगाड़ियां भी स्टेशन पर ही रुकेंगी और चलेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों पर लोड कम होने से बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग...

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Shravan Shukla
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बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग

बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग( Photo Credit : File/News Nation)

लखनऊ से गोरखपुर और बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैंट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी. मालगाड़ियां भी स्टेशन पर ही रुकेंगी और चलेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों पर लोड कम होने से बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग पर ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ेगी. यह संभव होगा फ्रेट कॉरिडोर की तर्ज पर बनने वाली 85 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन से, जो गोरखपुर के रास्ते खलीलाबाद से बैतालपुर तक बनाई जाएगी. इस रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी रेलवे बोर्ड ने दे दी है.

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लोकेशन सर्वे को रेलवे बोर्ड ने दी मंजूरी

रेलवे बोर्ड ने कुसम्ही से बैतालपुर तक 30 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन का सर्वे करने के लिए 59 लाख जबकि जगतबेला स्टेशन पर डाउन लूप लाइन के विस्तार व डोमिनगढ़ से खलीलाबाद तक के लिए 60 लाख रुपये आवंटित किए हैं. इसके अलावा 20 किमी लंबे भोजीपुरा-बरेली सिंगल लाइन के सर्वे के लिए करीब 39 लाख का प्रावधान किया गया है. डोमिनगढ़ से कैंट स्टेशन होकर कुसम्ही तक तीसरी लाइन और बुढ़वल से गोण्डा तक तीसरी लाइन पर काम चल रहा है. गोरखपुर कैंट से नरकटियागंज रूट पर ट्रेनों की क्षमता के साथ रफ्तार भी बढ़ेगी.

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ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी

बाराबंकी- गोरखपुर- छपरा लगभग 425 किमी लंबे मुख्यमार्ग की तरह इस रूट पर भी ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. गोरखपुर कैंट से वाल्मीकिनगर 96 किमी तक दूसरी लाइन बिछाई जाएगी. मजबूत पटरियां बिछाने और डिस्टेंस सिग्नल लगाने के साथ रेल लाइन पर विद्युतीकरण भी होगा. पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने बोर्ड को डीपीआर भेज दिया है. रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलते ही निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मार्च 2026-27 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. माना जा रहा है कि पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले प्रमुख स्टेशनों के ट्रैकों के दोहरीकरण हो जाने से पूर्वांचल में भी हाई स्पीड चल सकेंगी और मालगाड़ियों के लिए अलग ट्रैक होने से सामानों की डिलीवरी भी जल्दी होगी.

HIGHLIGHTS

  • गोरखपुर जोन में तीसरी लाइन को मंजूरी
  • विद्युतीकरण के लिए डीपीआर तैयार
  • ट्रेनों की रफ्तार पहुंचेगी 125 के पार

Source : Deepak Shrivastava

रेलवे बोर्ड गोरखपुर रेलवे लाइन गोरखपुर जंक्शन
      
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