उत्तराखंड पुलिस और STF टीम ने नोएडा से दो ऐसे लोगो को गिरफ्तार किया है जो खुद को हाईकोर्ट का जज बता कर मंत्रालय में तैनात सीनियर IAS अधिकारियों पर दबाव में लेकर काम कराते थे और जिन लोगों के काम करवाते थे उनसे मोटी रकम वसूलते थे. उत्तराखंड पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है की नोएडा के थाना सेक्टर- 49 इलाके के सेक्टर-50 में स्थित महागुन मेपल से मनोज कुमार और राजीव अरोड़ा को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए दोनों आरोपी खुद को हाई कोर्ट का जज बता कर और उनकी watsaap पर DP लगातार उत्तरखंड सचिवालय में तैनात एक सीनियर IAS से मिलने पहुंचे थे और करोड़ों की जमीन को खाली कराने की सिफारिश में गए थे और 1 जुलाई से 6 जुलाई तक देहरादून में रहे और जिन लोगों की जमीन से कब्जा हटवाना था उन लोगों से 50 लाख रुपए तय किए थे.
IAS अधिकारी को इस तरह हुआ शक
पकड़े गए दोनोंआरोपियों ने उत्तराखंड सचिवालय में सीनियर अधिकारी से मुलाकात की थी और खुद को जज बताया था. इन लोगों की मुलाकात के दौरान इनकी बॉडी लैंग्वेज से IAS अधिकारी को शक हुआ तो देहरादून कोतवाली में शिकायत की इसकी जांच करते हुए उत्तराखंड STF की टीम ने इन दोनों को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला की ये दोनो फर्जी तरीके से खुद को जज बता कर ठगी का कारोबार चलाते थे. और इनके फोन से कई VVIP लोगों के नंबर मिले है.आरोपियों ने खुद कबूल किया की वो फर्जी तरीके से खुद को जज बता कर मंत्रालय के अधिकारियों पर दबाव बना कर काम करवाया करते थे.
पहले भी जा चुके हैं जेल
फर्जी जज बन बनकर ठगी करने वाले मनोज पर 8 मुकदमे दर्ज है और राजीव अरोड़ा पर 5 मुकदमे दर्ज है. राजीव अरोड़ा और मनोज बचपन के दोस्त हैं. ये लोग पहले फर्जी वीजा लगवा कर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी किया करते थे. जिसके बाद एंबेसी की शिकायत पर दोनो को जेल भेजा गया. इसके बाद इन्होंने फर्जी फर्म बनाई और GST का कुल 850 करोड़ का भुगतान नहीं किया जिसके बाद मेरठ पुलिस ने इन्हें जेल भेजा. जेल से आने के बाद फर्जी जज बनकर दोनों आरोपी ठगी का कारोबार चला रहे थे.