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यूपी चुनाव में होगा भोजपुरी स्टार्स का ग्लैमर, अखिलेश से मिले खेसारी लाल

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि खेसारी लाल पार्टी में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. एक और भोजपुरी स्टार काजल निषाद ने भी एक हफ्ते पहले अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, और कहा जाता है कि वह पार्टी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं.

Updated on: 23 Jun 2021, 02:30 PM

highlights

  • भोजपुरी के जाने माने स्टार खेसारी लाल यादव ने अखिलेश यादव से मुलाकात की
  • दोनों ने तस्वीरें खिंचवाईं और राजनीतिक स्थिति पर लंबी चर्चा की
  • भाजपा के पास भोजपुरी फिल्म उद्योग से स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ है

लखनऊ:

अगले साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भोजपुरी फिल्म उद्योग में एक स्टॉर युद्ध देखने को मिलेगा. चुनाव में दो प्रमुख खिलाड़ी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) भोजपुरी फिल्म सितारों पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहीं हैं और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उनका इस्तेमाल करेंगी. जहां बीजेपी के पास पहले से ही रवि किशन और मनोज तिवारी (दोनों सांसद) हैं, वहीं समाजवादी पार्टी को भी भोजपुरी सितारे मिल रहे हैं. भोजपुरी के जाने माने स्टार खेसारी लाल यादव ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. दोनों ने तस्वीरें खिंचवाईं और राजनीतिक स्थिति पर लंबी चर्चा की. अखिलेश ने स्वीकार किया, "हमने '22 में साइकिल' पर चर्चा की और ये चुनाव के लिए हमारी टैग लाइन."

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पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि खेसारी लाल पार्टी में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. एक और भोजपुरी स्टार काजल निषाद ने भी एक हफ्ते पहले अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, और कहा जाता है कि वह पार्टी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "भोजपुरी सिनेमा पूरे उत्तर भारत में लोकप्रियता हासिल कर रहा है और अब केवल बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है. इन सितारों को प्रचार में लाना एक बहुत बड़ा फायदा है क्योंकि वे अपने दम पर भीड़ खींचने वाले होते हैं, और एक वफादार फैन फॉलोइंग का आनंद लेते हैं." संयोग से, भाजपा के पास भोजपुरी फिल्म उद्योग से एक और मेगा स्टार है दिनेश लाल यादव निरहुआ, जिन्होंने आजमगढ़ से अखिलेश यादव के खिलाफ 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. बता दें कि खेसारी कई मौकों पर भाजपा की आलोचना कर चुके हैं. चाहे किसान आंदोलन हो या अन्य मुद्दे, उन्होंने खुलकर मोदी सरकार का विरोध किया है. उन्होंने कई बार ट्वीट के जरिए भी अपना राजनीतिक रुझान प्रकट किया है. यूपी में अब निरहुआ बनाम खेसारीलाल का मामला बनता दिख रहा है.