काशी में जब अर्थी को परिवार की बहू-बेटियों ने दिया कंधा, होने लगी हर तरफ चर्चा

संसार के प्राचीनतम बसे शहरों एवं सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक वाराणसी में परंपराओं की बेड़ियां तोड़ते हुए एक परिवार ने अनूठी मिसाल पेश की है.

संसार के प्राचीनतम बसे शहरों एवं सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक वाराणसी में परंपराओं की बेड़ियां तोड़ते हुए एक परिवार ने अनूठी मिसाल पेश की है.

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Dalchand Kumar
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काशी में जब अर्थी को परिवार की बहू-बेटियों ने दिया कंधा, होने लगी हर तरफ चर्चा

संसार के प्राचीनतम बसे शहरों एवं सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक वाराणसी में परंपराओं की बेड़ियां तोड़ते हुए एक परिवार ने अनूठी मिसाल पेश की है. घर की बुजुर्ग महिला सदस्य की मौत के बाद उसकी अर्थी को बहू और बेटियों ने कंधा दिया. इतना ही नहीं परिवार की महिलाओं ने ही उसको मुखाग्नि दी. यह पूरा मामला वाराणसी जिले के चिरईगांव इलाके में पड़ने वाले बरियासनपुर गांव का है.

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बता दें कि बरियासनपुर में 75 वर्षीय रज्जी देवी पत्नी हरिचरण पटेल की बुधवार को की मौत गई थी. रज्जी देवी ने तड़के सुबह चार बजे आखिरी सांस ली. जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की गई, तभी रज्जी देवी की बेटियों हीरामनी और प्रेमा ने मां की अर्थी को कंधा देने और मुखाग्नि देने की इच्छा व्यक्त की. उन दोनों की इच्छा पर परिवार के लोग जारी हो गए.

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इसके बाद जब शव यात्रा निकाली गई तो रज्जी देवी बेटियों और बहू के अलावा परिवार की अन्य महिलाओं ने अर्थी को कंधा दिया. फिर गंगा के तट पर बेटी हीरामनी ने अपनी मां को मुखाग्नि दी. इस घटनाक्रम की अब पूरे इलाके में चर्चा हो रही है.

Source : डालचंद

Uttar Pradesh varanasi
      
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