अदालत ने उप्र सरकार से पूछा : तेज़ाब की बिक्री के नियमन के लिए क्या कदम उठाए

न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने यह आदेश गत शुक्रवार को गैर सरकारी संगठन छांव फाउंडेशन की याचिका पर दिए हैं.

न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने यह आदेश गत शुक्रवार को गैर सरकारी संगठन छांव फाउंडेशन की याचिका पर दिए हैं.

author-image
Sushil Kumar
New Update
Symbolic Image

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में तेजाब की बिक्री और वितरण का नियमन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने यह आदेश गत शुक्रवार को गैर सरकारी संगठन छांव फाउंडेशन की याचिका पर दिए हैं. अदालत ने राज्य सरकार को 31 जनवरी को एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार इसमें यह स्पष्ट करे कि प्रदेश में तेजाब की बिक्री और उसके वितरण के नियमन के लिए क्या कदम उठाए गए. याची ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने काफी पहले सभी राज्य सरकारों को अपने-अपने यहां तेजाब की बिक्री के नियमन के सिलसिले में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे.

Advertisment

वे निर्देश अपराधियों द्वारा महिलाओं और लड़कियों पर तेजाब से हमले किए जाने की घटनाओं के मद्देनजर दिए गए थे. याची ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तेजाब की बिक्री का हिसाब-किताब रखने के लिए 16 अगस्त 2013 को एक शासनादेश जारी किया था और 10 मई 2016 को सभी जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को इस सिलसिले में पत्र भी जारी किया था लेकिन इस दिशा में कोई भी गंभीर कार्रवाई नहीं की गई. अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीर करार देते हुए राज्य सरकार से कहा कि वह वर्ष 2013 में जारी शासनादेश और 2016 में सरकार द्वारा जिलों में प्रशासन को जारी पत्र पर की गई कार्रवाई के बारे में बताए. 

Source : Bhasha

Uttar Pradesh Court Tejab
      
Advertisment