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Agra hospital crowd ( Photo Credit : File)
आगरा जिला अस्पताल (Agra hospital) में इन दिनों स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार हो गई हैं. आलम यह है कि यहां इलाज के लिए मरीजों को घंटों लाइन में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है. गर्मी के कारण मरीजों का हाल बेहाल है. सबसे पहले उन्हें ओपीडी (OPD) के लिए पर्चा बनवाने में ही घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है और उसके बाद फिर इलाज के लिए डॉक्टरों के केबिन के बाहर मशक्क्त करनी पड़ रही है. इलाज तो छोड़िए मरीजों के लिए बैठने तक की जगह नहीं है. इतना ही नहीं, चर्म रोग वार्ड में तो ताला ही लग गया है. ऐसे में मरीजों को खासा परेशान होना पड़ता है.
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उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत दिखाई रही है. तो वहीं सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मंशा पर लगातार बट्टा लगाकर दिखाई दे रहे हैं. इसके लिए डिप्टी सीएम एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Brajesh pathak) सूबे के अस्पतालों में औचक निरीक्षण करते हुए भी दिखाई दिए हैं. आगरा की बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं किसी से छुपी नहीं है. बीते दिनों ही आगरा के एक सीएससी (CSC) केंद्र पर मरीज फर्श पर लेटा हुआ था जिसकी जानकारी होने पर डिप्टी सीएम अधिकारियों को कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बावजूद ताज नगरी आगरा में स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही.
मरीजों (Patients) का आरोप है कि इस भीषण गर्मी में उन्हें पर्चा बनाने के लिए घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ती है तो वहीं डॉक्टर के पास दिखाने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. जिला चिकित्सालय के स्किन सहित कई विभागों में ताले लटके हुए हैं. जिसके चलते दूर दराज से आने वाले मरीजों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. जो डॉक्टर मिलते भी हैं वो मनमाने ढंग से मरीजों को देखते हैं. यहां तक कि बमुश्किल ही वे अपनी सीट पर मिलते हैं. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. आगरा के जिला अस्पताल में बहुत दूर-दूर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. अब ऐसे में लोगों को इलाज न मिलने से तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल के सीएमएस अशोक अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों आगरा जिला अस्पताल के डॉक्टरों का ट्रांसफर हुआ है. नई तैनाती अभी नहीं की गई है. जिस वजह से भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है. कुछ मशीनें भी खराब पड़ी हैं, लेकिन जल्द सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी.