उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन 5.0 के दूसरे चरण में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल, मॉल व रेस्तरां 8 जून से खुल जाएंगे. इसके लिए दिशा-निर्देश शनिवार को जारी किए गए. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया कि धार्मिक स्थल प्रबंधन स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सभी निर्देशों का पालन करेंगे. धार्मिक स्थल के हर गेट पर अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर और थर्मल स्कैनर रखना अनिवार्य होगा. जांच के दौरान जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए जाएंगे, उसी को प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी. उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा. धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 से बचने के उपायों की घोषणा की जानी चाहिए. धार्मिक स्थल में पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते. ॉ
मंदिर में एसी चलाया जा सकता है, लेकिन तापमान 24 से 30 डिग्री के बीच होना चाहिए. समूह गायन, भजन-कीर्तन करने की अनुमति नहीं होगी. स्टीरियो पर भजन के रिकार्ड बजाए जा सकते हैं. बताया गया है कि धार्मिक स्थलों पर काफी सख्त पहरा रहेगा. किसी को भी मूर्ति को छूने की अनुमति नहीं होगी. किसी भी धार्मिक स्थल पर प्रसाद वितरण नहीं किया जाएगा. सिर्फ पांच लोगों को ही एक साथ धार्मिक स्थल के अंदर प्रवेश मिलेगा. लोगों को कतार में लगने के दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखना होगा. दो लोगों के बीच कम से कम छह फुट की दूरी रखनी होगी. सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा.
दिशा-निर्देश के मुताबिक, जूता-चप्पल धार्मिक स्थल प्रांगण के बाहर ही उतारना होगा या बाहर खड़ी अपनी गाड़ियों में रखना होगा. प्रबंधन को प्रवेश तथा निकास द्वार की अलग-अलग व्यवस्था करनी होगी. मुख्य सचिव के अनुसार, शॉपिंग मॉलों में बुजुर्ग और बच्चों को प्रवेश नहीं मिलेगा. इसमें हर जगह पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के दौरान मास्क भी पहनना होगा. हर जगह पर सभी बिल देने में कैशलेस ट्रांजेक्शन की व्यवस्था करनी होगी. सभी जगह पर सीसीटीवी काम करने चाहिए. मुख्य सचिव ने बताया कि सभी प्रबंधन को थर्मल स्कैनिंग और अल्कोहल वाला सेनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा. जिनमें वायरस संक्रमण के लक्षण नहीं पाए जाएंगे, सिर्फ उन्हीं को प्रवेश की अनुमति होगी.
किसी वृद्ध, गर्भवती महिला या गंभीर बीमारी वाले कर्मचारी को काम करने के लिए नहीं बुलाया जा सकता. उन्होंने कहा कि मॉलों में एस्केलेटर पर एक सीढ़ी छोड़कर ही चढ़ा जा सकता है. होटल या रेस्टोरेंट में भीड़ वाले कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सकते. फूड कोर्ट या रेस्टोरेंट में 50 फीसदी क्षमता में ही ग्राहकों को बैठाया जा सकता है. यह भी कहा गया है कि हर जगह पर डिस्पोज्बल मेन्यू रखना होगा और अच्छी क्वालिटी का नैपकिन पेपर रखना अनिवार्य है.
Source : IANS/News Nation Bureau