logo-image

लखनऊ SGPGIMS में जल्द शुरू होगी टेली-आईसीयू सेवा: SGPGIMS Director

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) में बहुप्रतीक्षित टेली-आईसीयू सेवा बहुत जल्द शुरू होगी. एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमान ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान एसजीपीजीआईएमएस ने राज्य के 52 मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों के परामर्श और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा संस्थान ने कोविड के दौरान 50 हजार से अधिक स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया और प्रदेश के कोविड प्रबंधन में योगदान दिया.

Updated on: 25 Oct 2022, 04:57 PM

लखनऊ:

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) में बहुप्रतीक्षित टेली-आईसीयू सेवा बहुत जल्द शुरू होगी. एसजीपीजीआईएमएस के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमान ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान एसजीपीजीआईएमएस ने राज्य के 52 मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों के परामर्श और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा संस्थान ने कोविड के दौरान 50 हजार से अधिक स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया और प्रदेश के कोविड प्रबंधन में योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआईएमएस के अनुभवों के आधार पर हमने टेली आईसीयू कार्यक्रम तैयार किया. इसके लिए एसजीपीजीआईएमस और पावर ग्रिड कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता पर हस्ताक्षर किए गए. पावर ग्रिड ने टेली आईसीयू सेवा के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में एसजीपीजीआई को 11.7 करोड़ रुपए दिए हैं. यह टेली सेवा हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है, जहां एसजीपीजीआईएमएस हब और स्पोक प्रदेश के छह पुराने मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, झांसी और मेरठ शामिल हैं.

हब को इंटरनेट द्वारा स्पोक से जोड़ा जाएगा. इस प्रक्रिया के जरिए इन मेडिकल कॉलेजों में भर्ती आईसीयू के मरीजों के इलाज की निगरानी हब में भी की जाएगी.

इन मेडिकल कॉलेजों की ऑन-साइट आईसीयू टीम और एसजीपीजीआईएमएस की ऑफ-साइट आईसीयू टीम अपने ज्ञान का आदान-प्रदान करेगी और ऑडियो विजुअल तकनीक के माध्यम से रोगियों का रीयल टाइम अपडेट प्राप्त करेगी. इससे बीमार मरीजों को एक सेटअप से दूसरे सेटअप में ले जाने का जोखिम कम होगा. यह इन मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के प्रदर्शन और कार्यशैली में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा. निदेशक ने यह भी बताया कि इस सेवा की सफलता के बाद इस प्रणाली को यूपी के 75 जिलों / मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू में विस्तारित किया जाएगा.