भारत के मुख्य धरोहरों में से एक ताजमहल को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तवज्जो नहीं देते हुए उसे पर्यटन स्थलों के बुकलेट से बाहर कर दिया है।पर्यटन मंत्रालय की ओर से हर साल जारी किये जाने वाले बुकलेट में गोरखनाथ मंदिर को जगह दी गई है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताजमहल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार कर चुके हैं।
बिहार के दरभंगा में एक सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा था, 'जब किसी दूसरे देश का अतिथि भारत आता है या फिर भारत से कोई पदाधिकारी आधिकारिक यात्रा पर विदेश जाता है तो भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में ताजमहल या किसी मीनार की आकृति भेंट स्वरूप दी जाती थी। पर जब से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, तब से ताजमहल या किसी भी मीनार की आकृति भेंट स्वरूप देना बंद कर दिया गया है, क्योंकि इनका भारतीय संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।'
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ताजमहल को बुकलेट से बाहर किये जाने पर राज्य सरकार ने सफाई दी है। उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, 'राज्य सरकार विश्व विख्यात ताजमहल तथा उससे जुड़े पर्यटक स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ताजमहल और आगरा का विकास भारत सरकार और प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।'
बुकलेट में किसे मिली तवज्जो
बुकलेट के पहले पेज पर वाराणसी की गंगा आरती को दिखाया गया है। बुकलेट में पर्यटन विकास योजनाओं के बारे में दिया गया है। पहले पेज के साथ ही छठवां और सातवां पेज भी गंगा आरती को समर्पित किया गया है।
बुकलेट के बारहवें और तेरहवें पेज में अयोध्या के बारे में विस्तार से दिया गया है। बुकलेट में गोरखनाथ मंदिर को जगह दी गई है। इसमें गोरखनाथ मंदिर का फोटो, उसका इतिहास और महत्व लिखा गया है।
आपको बता दें कि हर साल जारी होने वाले बुकलेट में प्रदेश के हर बड़े पर्यटन स्थल के बारे में लिखा होता है और उस पर्यटन स्थल के चित्र भी इस बुकलेट में छापे जाते हैं।
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Source : News Nation Bureau