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स्वतंत्र देव सिंह: संघर्षशील व्यक्तित्व एवं कुशल संगठनकर्ता

मिर्जापुर जनपद में जन्मे स्वतंत्र देव सिंह ने बुन्देलखंड के जालौन को कर्मभूमि बनाया. यहीं से राजनीति की शुरुआत करते हुए आज पूरे प्रदेश में उनको जाना जाता है.

Updated on: 29 Nov 2021, 05:40 PM

नई दिल्ली:

स्वतंत्र देव सिंह इस समय उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. इसके पहले वह योगी सरकार में परिवहन, प्रोटोकॉल एवं ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुके हैं. एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले स्वतंत्रदेव सिंह को यह मुकाम उनके संघर्ष और समर्पण के कारण ही मिला है. स्वतंत्र देव सिंह का जन्म मिर्जापुर जनपद के एक ग्राम में 13 फरवरी 1964 में हुआ था. इनकी मां का नाम रामा देवी और पिता का नाम अल्लर सिंह था. मिर्जापुर जनपद में जन्मे स्वतंत्र देव सिंह ने बुन्देलखंड के जालौन को कर्मभूमि बनाया. यहीं से राजनीति की शुरुआत करते हुए आज पूरे प्रदेश में उनको जाना जाता है. अपने परिवार में वह पहले व्यक्ति हैं जो आरएसएस से जुड़कर वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. 

स्वतंत्र देव का जन्म बेहद सामान्य परिवार में हुआ था इसलिए उनका प्रारम्भिक जीवन संघर्षपूर्ण था. परिवार की स्थिति में कुछ सुधार तब हुआ जब उनके बड़े उनके बडे भाई श्रीपत सिंह की पुलिस में नौकरी लग गयी. जिनकी नियुक्ति जालौन में हुयी. स्वतंत्र देव सिंह को उनके बडे भाई श्रीपत जालौन ले आये और यहीं उनकी पढ़ाई-लिखाई शुरू हुई. यही से स्वतंत्र देव ने राजनीति में कदम रखा.

स्वतंत्र देव सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र संघ चुनाव से की थी. उन्होने जालौन के उरई मुख्यालय स्थित डीवीसी कालेज से छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गये. उसके बाद 1986 में आरएसएस से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में संघ का प्रचारक का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया. 1988-89 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मन्त्री के रूप में कार्य भार ग्रहण किया. 1991 में भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी बने. बाद में उन्हे 1994 में बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा के प्रभारी,1996 में युवा मोर्चा का महामन्त्री, 1998 में दोबारा भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा का महामन्त्री बनाया गया. 2001 में भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने.

2004 में स्वतंत्र देव सिंह बुन्देलखंड से झांसी-जालौन-ललितपुर विधान परिषद के सदस्य चुने गये व प्रदेश महामन्त्री भी बनाये गये. वह 2004 से 2014 तक दो बार प्रदेश महामन्त्री बनाये गये. इससे पहले 2010 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गए बाद में 2012 में फिर महामंत्री बने और इसी पद पर रहकर 2017 में भाजपा को बुन्देलखंड क्षेत्र में भारी जीत दिलाई. 2013 में इनको पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था.

स्वतंत्रदेव सिंह 2014 में प्रदेश में बीजेपी सदस्यता अभियान के प्रभारी बनाए गए थे. जिसमें  प्रदेश भर से एक करोड़ से ज्यादा नये सदस्य बनाकर स्वतंत्रदेव सिंह ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया था. 

यूपी में लोकसभा चुनाव से लेकर विधान सभा चुनाव में पीएम मोदी की जितनी भी रैली हुयी है उसे सफल बनाने में स्वतंत्रदेव का बहुत बड़ा हाथ माना जाता है. स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी की रैली होने के एक सप्ताह पहले की उस स्थान पर डेरा डाल देते है जिससे वह छोटे कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हुए रैली को किसी भी तरह सफल करा सके.