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चिन्मयानंद से संतों ने किया किनारा, इस अखाड़े ने किया बाहर

छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmyanand) की राह आसान नहीं है. निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है.

Updated on: 28 Sep 2019, 04:19 PM

प्रयागराज:

छात्रा से दुष्कर्म के मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Swami Chinmyanand) की राह आसान नहीं है. निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है. अब उनसे साधू-संतों ने भी किनारा कर लिया है. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने स्वामी चिन्मयानंद को अखाड़े से बाहर कर दिया है. आखाड़े से बाहर किए जाने का मतलब है कि अब स्वामी चिन्मयानंद साधु संतों की बैठकों और अखाड़े के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे.

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श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत राम सेवक गिरी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोपों बेहद गंभीर हैं. जिसके कारण अखाड़ा ने उन्हें बाहर निकाल दिया है. साधु-संत इस कृत्य की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि जब तक स्वामी चिन्मयानंद इन आरोपों से बाइज्जत बरी नहीं होते तब तक अखाड़े से बाहर ही रहेंगे.

छात्रा को 14 दिन की रिमांड

उत्‍तर प्रदेश के शाहजहांपुर में स्‍वामी चिन्‍मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. एक दिन पहले ही मामले की जांच कर रही एसआईटी ने उसे हिरासत में लिया था.

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उत्‍तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने बताया, स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले लॉ की छात्रा को एसआईटी (SIT) ने कथित तौर पर रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित की गई एसआईटी के प्रमुख नवीन अरोड़ा (SIT Chief Naveen Aroda) के मुताबिक, चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने में छात्रा की भी संलिप्तता सामने आई है.