उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी जल्द से जल्द घर के झगड़े को निपटाना चाहती है और जितने भी निलंबित सदस्य हैं उन्हें फिर से वापस पार्टी में बुलाना चाहती है।
कुछ दिनों पहले ही निष्कासित राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव को जिस तरह से पार्टी में वापस लिया गया है उसको देखकर तो कुछ ऐसा ही लगता है।
विधानसभा चुनाव के बहुत कम दिन रह गए हैं ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी किसी भी तरह से विरोधियों के सामने कमज़ोर नहीं दिखना चाहती है। समाजवादी पार्टी जानती है कि अगर लोगों के बीच में ये संदेश गया कि पारिवार में अब भी सब कुछ ठीक नहीं हुआ है तो इसका सीधा फ़ायदा बीजेपी और बसपा को मिलेगा।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के क़रीबी युवा नेता जिनको कुछ दिनों पहले पार्टी पद से हटा दिया गया था, उनकी सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाक़ात हुई है। जिससे इस बात की तस्दीक होती है की पार्टी अब डैमेज कंट्रोल के मूड में है।
ताज़ा जानकारी के मुताबिक़ एमएलसी सुनील साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाठर, युवा नेता गौरव दूबे, दिग्विजय सिंह और ब्रजेश यादव सब ने मुलायम सिंह यादव से मिलकर माफ़ी मांगी है और पार्टी में वापस लेने की बात कही है।
निलंबित युवा नेताओं ने कहा कि उन्हें बहुत ख़ुशी होगी अगर उन्हें फिर से पार्टी के लिए नेताजी के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला। युवा नेताओं की माने तो नेताजी ने उन्हें भरोसा दिलाया है की उनके अनुरोध पर विचार किया जाएगा।
हाल ही में जिस तरह से पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित राज्यसभा संसद रामगोपाल यादव को पार्टी में वापस लिया गया है उसको देखते हुए लगता है की पार्टी हित में इन सभी लोगों को भी वापस बुला लिया जाये।
Source : News Nation Bureau