UP के स्कूली बच्चों में परजीवी संक्रमण का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण

आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के विशेषज्ञों की एक टीम उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच मिट्टी से संचारित हेल्मिंथ प्रसार का सर्वेक्षण कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मिट्टी से संचारित कृमि बच्चों में परजीवी संक्रमण का कारण बनते हैं जो छोटे बच्चों में पोषण और शारीरिक विकास में बाधा डालते हैं. शुभा सिंह, निदेशक, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने राज्य के 30 से अधिक जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर संबंधित टीम को आवश्यक सहयोग देने को कहा है.

आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के विशेषज्ञों की एक टीम उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच मिट्टी से संचारित हेल्मिंथ प्रसार का सर्वेक्षण कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मिट्टी से संचारित कृमि बच्चों में परजीवी संक्रमण का कारण बनते हैं जो छोटे बच्चों में पोषण और शारीरिक विकास में बाधा डालते हैं. शुभा सिंह, निदेशक, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने राज्य के 30 से अधिक जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर संबंधित टीम को आवश्यक सहयोग देने को कहा है.

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IANS
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UP School

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter )

आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के चंडीगढ़ स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के विशेषज्ञों की एक टीम उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच मिट्टी से संचारित हेल्मिंथ प्रसार का सर्वेक्षण कर रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मिट्टी से संचारित कृमि बच्चों में परजीवी संक्रमण का कारण बनते हैं जो छोटे बच्चों में पोषण और शारीरिक विकास में बाधा डालते हैं. शुभा सिंह, निदेशक, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने राज्य के 30 से अधिक जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर संबंधित टीम को आवश्यक सहयोग देने को कहा है.

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साथ ही इस संबंध में जिले के संबंधित प्रखंड शिक्षा अधिकारियों को भी अवगत कराने को कहा गया है. सर्वेक्षण के अन्तर्गत विद्यालय जाने वाले बच्चों के मल के नमूने लेकर निकटतम स्वास्थ्य सुविधा (सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) पर स्थापित अस्थाई सूक्ष्म केन्द्रों में उनकी सूक्ष्म जांच की जा रही है.

21 नवंबर से शुरू हुआ सर्वे 18 दिसंबर तक चलेगा. यह सर्वेक्षण गाजीपुर, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, जौनपुर, अमरोहा, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिजार्पुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संत कबीर नगर, शाहजहाँपुर, सीतापुर, सिद्धार्थ नगर और सोनभद्र में होगा.

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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