मदरसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 4 हफ्ते के अंदर मांगा सभी राज्यों से जवाब

Supreme Court On Madrasa Recognition: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी सुनवाई करते हुए एनसीपीसीआर की सिफारिश पर रोक लगा दी है. एनसीपीसीआर ने मदरसों पर रोक लगाने की मांग की थी.

author-image
Vineeta Kumari
New Update
MADARSA

Supreme Court On Madrasa Recognition: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीसीआर की सिफारिश पर रोक लगा दी है, जिसमें मदरसों को बंद करने की बात कही गई थी. इसकी सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने की है. सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है और चार हफ्ते के अंदर सभी राज्यों से जवाब मांगा गया है. दरअसल, NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने यूपी और त्रिपुरा को दो पत्र लिखे थे, जिसमें मदरसों को भंग करने की सिफारिश की गई थी. 

Advertisment

NCPCR की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

एनसीपीसीआर की इस सिफारिश के बाद कई राज्यों ने यह कदम उठाए थे. जिसे कोर्ट ने नोटिस जारी करने को कहा है और जवाब भी मांगा है. याचिका को जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दायर किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर की इस सिफारिश से अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन के अधिकार का उल्लंघन है. साथ ही यह कहना कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सामान्य स्कूल में भेजा जाए. यह सही नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से 4 हफ्ते के अंदर मांगा जवाब

आपको बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कहा था कि मदरसे शिक्षा के अधिकार का पालन नहीं करते हैं और इस तरह के मदरसों को आर्थिक मदद नहीं मिलनी चाहिए. इसे बंद कर देना चाहिए. जिसके बाद कई राज्यों में इसका असर देखा गया था. जिसे लेकर कोर्ट ने सभी राज्यों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पत्र तो दो राज्यों को लिखा गया है, लेकिन इसका असर कई राज्यों में देखा गया.

मदरसे शिक्षा के अधिकार का नहीं करते हैं पालन

कोर्ट की सुनवाई के बाद आरटीई का पालन नहीं करने वाले मदरसों को भी फंडिंग मिलेगी. वहीं, यूपी सरकार के उस फैसले पर भी रोक लगा दिया, जिसमें गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर करने की बात कही गई थी. बता दें कि एनसीपीसीआर ने सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कहा था कि मदरसों की फंडिंग बंद कर देना चाहिए.

UP News hindi news Supreme Court madrasa recognition ncpcr full form NCPCR
      
Advertisment