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मथुरा-वृदांवन के मंदिरों में चढ़ाए गए फूल विधवा आश्रम में दिए जायें- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने विधवाओं की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिए एक अहम निर्देश दिया है।

Updated on: 27 Mar 2018, 03:22 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने विधवाओं की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिए एक अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यूपी के मथुरा और वृंदावन के सभी मंदिरों में जो फूल मंदिर के चढ़ावे के लिए आते हैं उन्हें यूपी सरकार द्वारा चलाए जा रहे विधवा आश्रमों में दे दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन फूलों से विधवा और निराश्रित महिलाएं इत्र और धूपबत्ती बना सकें और उनका जीवन आसानी से चल सके। आपको बता दें कि मथुरा और वृदांवन में सैकड़ों मंदिर हैं जिनमें भारी मात्रा में फूल चढ़ावा के लिए आते हैं जोकि प्रयोग के बाद बर्बाद हो जाते हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले आई खबर के मुताबिक, इन महिलाओं को फ्रेगनेंस ऐंड फ्लेवर डिवेलपमेंट सेंटर (एफएफडीसी), कन्नौज में प्रशिक्षण दिलवाया गया था। प्रशिक्षण के दौरान ही मंदिरों और विधवा आश्रम के बीच फूलों की आपूर्ति का अनुबंध भी हुआ।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि 'ब्रजगंधा' नाम रजिस्टर्ड करवा लिया गया है। इसकी टेस्टिंग का सर्टिफिकेट भी एफएफडीसी ने दिया है। इसमें 79 प्रतिशत तक विशुद्ध फूलों की महक है।

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